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शासकीय महाविद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों के प्रवेश को प्राथमिकता दी जाये, असंगठित मजदूर योजना के तहत प्रवेश


प्रक्रिया में जागरूकता लाई जाये

    उज्जैन । शनिवार को उच्च शिक्षा विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस दौरान भोपाल एनआईसी में उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री अजीत केसरी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में आयुक्त श्री केसरी ने प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर योजना के तहत श्रमिकों के बच्चों को शासकीय महाविद्यालयों में प्रवेश दिलाये जाने को सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाये। इस योजना के तहत समस्त महाविद्यालयों में जागरूकता लाई जाये।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर योजना के अन्तर्गत श्रमिकों के बच्चों के महाविद्यालयों में प्रवेश लेने पर पढ़ाई का पूरा खर्च शासन द्वारा वहन किया जायेगा। आयुक्त ने प्रदेश के विद्यालयों में इस योजना के तहत दिये जाने वाले प्रवेश की समीक्षा की। आयुक्त ने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे इस योजना के अन्तर्गत कवर किये जा सकते हैं। श्रमिक संवर्ग के बच्चों के एडमिशन कर उन्हें अधिक से अधिक योजना का लाभ दिया जाये। ऐसे बच्चे ई-प्रवेश में सीधे अपना पंजीयन करवा सकते हैं। विद्यार्थियों की समग्र आईडी से उनकी स्थिति की जांच की जा सकती है। बैठक में ऑनलाइन प्रवेश सत्र 2018-19 की समीक्षा की गई। बताया गया कि ऑनलाइन प्रवेश से सम्बन्धित किसी भी जानकारी और समस्या के निराकरण के लिये राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के फोन नम्बर 0755-2551698 और 2554423 पर सम्पर्क किया जा सकता है। वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा सत्र चल रहा है।

    बैठक में महाविद्यालयों के प्राचार्यों को इस बार के शैक्षणिक सत्र में एससी एसटी के कितने बच्चे प्रवेश ले रहे हैं और मेधावी योजना के अन्तर्गत कितने बच्चे हैं, इस विषय की जानकारी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। बताया गया कि ई-प्रवेश के बारे में अधिक जानकारी के लिये वेब साइट mphe.pravesh@mpgov.in पर लॉगइन किया जा सकता है।

नये महाविद्यालयों के उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किये जायें

    बैठक में निर्देश दिये गये कि अपने क्षेत्र में खुलने वाले नये शासकीय महाविद्यालयों के उद्घाटन कार्यक्रम वृहद स्तर पर आयोजित किये जायें, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस बारे में पता चले। इसके लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों, विधायक अथवा मंत्री से समन्वय करें। महाविद्यालयों में क्लेरिकल स्टाफ के रिडिप्लॉयमेंट के सम्बन्ध में आदेश जारी किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना

    बैठक में आयुक्त द्वारा मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना की समीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि इस योजना के अन्तर्गत महज 1 रूपये की राशि के साथ मेधावी विद्यार्थियों का प्रवेश शासकीय महाविद्यालयों में सुनिश्चित किया जाता है। यह योजना राज्य शासन के समस्त शासकीय महाविद्यालयों, शासकीय विश्वविद्यालयों और अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में लागू है। समस्त स्नातक पाठ्यक्रम इस योजना के अन्तर्गत आते हैं। प्रवेशित पात्र विद्यार्थियों से मेधावी विद्यार्थी पोर्टल पर पंजीयन और आवेदन इस योजना के अन्तर्गत करवाये जाना हैं। इस योजना के तहत लाभ लेने के लिये विद्यार्थी का मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है, उसके माता-पिता की वार्षिक आय 6 लाख रूपये की सीमा में होना चाहिये। विद्यार्थी को मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल से 12वी में 70 प्रतिशत और सीबीएसई में 85 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है।

    बैठक में आयुक्त ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री मेधावी योजना में जो भुगतान विद्यार्थियों को किया जायेगा, वह आधार बेस्ड होगा। इसलिये ऐसे विद्यार्थी जिनके बैंक खाते आधार से नहीं जुड़े हैं, उनके खाते आधार नम्बर से जोड़ने की प्रक्रिया शीघ्र-अतिशीघ्र पूर्ण करें। ऐसे जो भी प्रकरण लम्बित हैं, उनका निराकरण शीघ्र करें। बैठक में आयुक्त ने कहा कि महाविद्यालयों के प्राचार्य अगली बैठक में एससी एसटी के विद्यार्थियों की कुल प्रवेश संख्या, एससी एसटी के अतिरिक्त मेधावी विद्यार्थियों की कुल संख्या और एससी एसटी के अतिरिक्त असंगठित श्रमिकों के विद्यार्थियों की कुल संख्या के आंकड़े उपलब्ध करवायें।

    प्राचार्य विद्यार्थियों में यह जागरूकता लायें कि सामान्य श्रेणी के बच्चों को मेधावी योजना के अन्तर्गत लाभ मिलेगा, एससी एसटी के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अधिक लाभ मिलेगा और इसके अलावा प्रोत्साहन राशि सभी योजनाओं के साथ प्रदाय की जायेगी। बैठक में अतिथि विद्वानों की व्यवस्था की समीक्षा की गई। निर्देश दिये गये कि विगत सत्र में जो भी अतिथि विद्वान महाविद्यालयों में पढ़ाते थे, उनकी सूची तैयार कर भिजवाई जाये। उज्जैन एनआईसी कक्ष में अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.महेश शर्मा, माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.अर्पण भारद्वाज, शासकीय महाविद्यालय महिदपुर के प्राचार्य डॉ.व्हाय मुखिया और उज्जैन जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।

 

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