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कालिदास की रचनाओं का उर्दू में अनुवाद करने वले साहित्यकार सहर को राष्ट्रीय सम्मान



87 वर्षीय उर्दू साहित्यकार देश के पहले ऐसे व्यक्ति जिन्होंने संस्कृत की रचनाओं को उर्दू में अनुवाद कर पुस्तक प्रकाशन करवाया
उज्जैन। शहर के 87 वर्षीय साहित्यकार एवं शायर महमूद एहमद सहर को राष्ट्रीय साहित्य अकादमी नईदिल्ली द्वारा आयोजित समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। असम की राजधानी गोवाहाटी में हुए सम्मान समारोह में देश के 24 चुनिंदा साहित्यकारों व अनुवादकों के साथ सहर को भी इस सम्मान से नवाजा गया। यह पहला मौका है जब कालिदास की संस्कृत रचना सहित काव्य संग्रहों का उर्दू में अनुवाद किया गया है। 
मदारगेट निवासी महमूद एहमद सहर श्री माधव क्लब में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। सहर ने कई वर्षों की मेहनत के बाद कालिदास के मेघदूत, ऋतुसंहार और महाकाव्य कुमार संभवम का उर्दू में अनुवाद किया। उर्दू अकादमी नई दिल्ली ने इसे पुस्तक के रूप में प्रकाशन भी किया है। महमूद अहमद सहर ने राजा भृर्तहरि के तीनों शतक, श्रृंगार शतक, नीति शतक और वैराग्य शतक का भी उर्दू में अनुवाद किया है। सम्मान समारोह में दूसरे दिन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे सहर ने संस्कृत साहित्य पर पत्र पढ़ा। पश्चात परिचर्चा में भाग लिया। संस्कृत से उर्दू पद्य अनुवादों को सभी भाषाओं के विद्वानों ने सराहा और अन्य अनुवादों के लिए भी आग्रह किया। महमूद अहमद सहर को अब तक विभिन्न सम्मानों से नवाजा जा चुका है। 

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