हाथ की कटी नसें, पेट की फटी आंतें जोड़ी, बचाई दो जिंदगी
उज्जैन। शहर के चिकित्सक डॉ. उमेश जेठवानी ने दो ऐसे गंभीर मरीजों का सफल उपचार किया जिनके जीवन पर जीवन भर की विकलांगता तथा जान जाने का खतरा मंडरा रहा था। अब तक ऐसे गंभीर मरीजों का उपचार उज्जैन में संभव नहीं था और उन्हें इंदौर या अन्य बड़े शहरों में रैफर किया जाता था।
अजय पंजाबी उम्र 30 वर्ष निवासी उज्जैन के हाथ में गंभीर चोट आने के बाद उसे फ्रीगंज स्थित श्री गुरूनानक अस्पताल में लाया गया। जहां पर जांच में पता चला कि मरीज के हाथ की सभी मुख्य नसें कट गई हैं। खून बहने से मरीज का ब्लड प्रेशर भी 60/40 आ रहा था। डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज के हाथ का तुरंत माइक्रोवास्क्युलर रिकंस्ट्रक्शन पध्दति से ऑपरेशन कर हाथ की सभी नसों को जोड़ा जिसके बाद मरीज को आईसीयू में रखकर 4 बोतल खून चढ़ाया गया। अब मरीज का हाथ ठीक से काम कर रहा है और मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।
नारायणसिंह उम्र 40 वर्ष निवासी नलखेड़ा दुर्घटना में घायल हो गया था जिसके बाद मरीज को श्री गुरूनानक अस्पताल में लाया गया जहां पर जांच में पता चला कि मरीज के पेट में गंभीर चोट आई। जिसके कारण मरीज की आंतें फट गई और पेट में जहर फैल गया। शरीर में जहर फैलने के कारण मरीज का ब्लड प्रेशर भी नहीं आ रहा था। डॉ. उमेश जेठवानी ने मरीज का तुरंत ऑपरेशन कर आंतों को जोड़ा और पेट में जमा चार लीटर जहर को निकाला। ऑपरेशन के बाद मरीज को आईसीयू में रखकर 3 बोतल खून चढ़ाया गया। वर्तमान में मरीज पूरी तरह स्वस्थ है।
अंग कटे तो 6 घंटे में ही उपचार संभव
डॉ. उमेश जेठवानी ने बताया कि कटे हुए हाथ तथा नसों को 6 घंटे के भीतर ही जोड़ा जा सकता है यदि कटे हुए अंग को बर्फ की सिल्ला पर रखकर लाया जाए तो 12 घंटे के बाद भी ऑपरेशन किया जा सकता है। पहले इस प्रकार के ऑपरेशन इंदौर, मुंबई, दिल्ली जैसे देश के बड़े शहरों के कारपोरेट अस्पतालों में ही हो पाते थे लेकिन अब शहर के श्री गुरूनानक अस्पताल में इस प्रकार के ऑपरेशन की सुविधा बहुत कम खर्च में उपलब्ध है।