ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन एवं अन्य अतिथियों सहित सैकड़ों लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास किया
तन व मन को स्वस्थ रखने के लिये योग आवश्यक
जीवन में भोजन, जल आदि की जरूरत होती है,
उसी तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिये योग जरूरी
उज्जैन । चतुर्थ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज गुरूवार 21 जून को प्रात: 6.30 बजे से कालिदास अकादमी परिसर में सामूहिक योग अभ्यास का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, विधायक डॉ.मोहन यादव, यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, श्री श्याम बंसल, श्री इकबालसिंह गांधी, फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष श्री ओम जैन, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, आईजी श्री राकेश गुप्ता, डीआईजी डॉ.रमनसिंह सिकरवार, कलेक्टर श्री मनीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप जीआर, जिला शिक्षा अधिकारी श्री संजय गोयल सहित गणमान्य नागरिक, शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सामूहिक योग अभ्यास किया। ऊर्जा मंत्री श्री जैन ने इस अवसर पर कहा कि हमारे तन व मन को स्वस्थ बनाये रखने के लिये योग करना आवश्यक है। जिस तरह शरीर के लिये भोजन, जल आदि की जरूरत पड़ती है, उसी तरह शरीर को स्वस्थ रखने के लिये योग/व्यायाम प्रतिदिन करना चाहिये।
ऊर्जा मंत्री श्री जैन ने कहा कि योग सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है दुनिया के कई देशों ने योग को अपनाया है। योग ने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर ली है। योग करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान चलाकर जन-जागरूकता फैलाई है। हम सब मिलकर अपने आस-पड़ौस में गांव शहर को स्वच्छ रखें और नित-प्रतिदिन व्यायाम कर शरीर व मन को स्वस्थ रखें।
कार्यक्रम में योगाभ्यास के पूर्व 'वन्दे मातरम' गीत के पश्चात ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन के विचार सुनने के बाद उत्तराखण्ड में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का सीधा प्रसारण सुना गया। इसके बाद अतिथियों, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक, युवक-युवती तथा छात्र-छात्राओं ने सामूहिक योगाभ्यास किया।
योगाभ्यास का क्रम
सामूहिक योगाभ्यास के अंतर्गत क्रमशः गर्दन घुमाना, स्कंद चक्र ,कटि चालन ,घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन शशांकासन, उत्तान मंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन शलभासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, व शवासन किया गया। योगाभ्यास के दौरान प्राणायाम का सामूहिक अभ्यास किया गया। इसके लिए नाड़ीशोधन, अनुलोम-विलोम, प्रणायाम, कपालभाति तथा अंत में ध्यान का अभ्यास किया गया। संचालन श्री शैलेन्द्र व्यास 'स्वामी मुस्कुराके' ने किया ।