विश्व संगीत दिवस पर सांस्कृतिक सन्ध्या आयोजित
योग और संगीत का जीवन में विशेष महत्व –विधायक डॉ.यादव
उज्जैन । गुरूवार को विश्व योग और संगीत दिवस पर कालिदास संस्कृत अकादमी के पं.सूर्यनारायण संकुल सभागृह में संस्कृति संचालनालय भोपाल मप्र और शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक सन्ध्या आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उज्जैन दक्षिण के विधायक डॉ.मोहन यादव थे। विशिष्ट अतिथि डॉ.पुष्पा चौरसिया भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं। सांस्कृतिक कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राजेन्द्र प्रसाद आर्य ने की।
मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। माधव संगीत महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्री सुनील अहिरवार ने अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया।
विधायक डॉ.मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि विश्व योग और संगीत दिवस पर इस तरह के आयोजन प्रशंसनीय हैं। उज्जैन के सन्दर्भ में आज का दिन वैसे भी विशेष है। यह प्राचीन समय से कालगणना का केन्द्र रहा है। आज के दिन सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन होता है। भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में यह दिन विशेष है। आज के दिन हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे विश्व के समक्ष योगाभ्यास कर योग के महत्व को बताया है। जीवन में संगीत और योग दोनों ही बेहद जरूरी होते हैं। इनका आपस में बेहतर तालमेल हो तो जीवन सुखद बन जाता है। ऐसे कार्यक्रम आगे भी निरन्तर होने चाहिये।
डॉ.पुष्पा चौरसिया ने कहा कि योग और संगीत हमारे जीवन को अलंकृत करते हैं। प्राचीनकाल से ही हम भारतीय श्रुति परम्परा के लोग रहे हैं। कई किस्से कहानियां संगीत के माध्यम से ही बयां की जाती है। भगवदगीता भी एक तरह का गीत ही है, जो भगवान श्रीकृष्ण के मुख से अर्जुन को सुनाई गई है। यदि संगीत नहीं होता तो हमारी संस्कृति भी न होती। योग दिवस को युनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन द्वारा मान्यता दी जाना इस बात का सबूत है कि पूरे विश्व में योग के महत्व को समझा है। आज से 5 हजार वर्ष पूर्व पतंजलि ने योग के ऊपर ग्रंथ लिखा था, जिसे आज पूरी दुनिया मान रही है। वैसा ही महत्व संगीत का भी है।
अतिथि उद्बोधन के पश्चात कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। मुम्बई की कलाकार सुश्री गौरी पठारे द्वारा शास्त्रीय गायन किया गया, जिसमें उन्होंने राग श्री, राग गौड़ और राग मल्हार की कर्णप्रिय प्रस्तुति दी। तबले पर इनकी संगत इन्दौर के श्री हितेन्द्र दीक्षित, हारमोनियम पर उज्जैन के श्री विजय गोथरवाल और तानपुरे पर संगत सुश्री पूजा चौहान ने की।
इसके पश्चात खरगोन के श्री शिवभाई गुप्ता और उनके समूह द्वारा निमाड़ी गायन किया गया। कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति भोपाल की कलाकार सुश्री आरोही मुंशी ने दी। आरोही मुंशी द्वारा भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया गया। उज्जैन के संगीत और कलाप्रेमी दर्शकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनन्द लिया।