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मंदसौर गोलीकांड : जांच रिपोर्ट में कहां गया बिगड़ती परिस्‍थितियों के कारण गोली चलाना हुआ था आवश्‍यक



मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए मंदसौर गोलीकांड में 5 किसानों की गोली लगने से मौत हो गई थी. अब इस मामले में जस्टिस जेके जैन आयोग की 9 महीने देरी से रिपोर्ट आई है. इसमें पुलिस और सीआरपीएफ को क्लीनचिट दी गई है. आयोग का कहना है कि भीड़ को तितर-बितर करने और पुलिस बल ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलाई. ऐसा करना 'नितांत आवश्यक' और 'न्यायसंगत' था.

यही नहीं, आयोग ने यह भी कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन का सूचना तंत्र कमजोर था और आपसी सामंजस्य भी नहीं होने के कारण आंदोलन उग्र हुआ. इसके अलावा किसान और अफसरों के बीच संवादहीनता थी. जिस कारण किसानों की मांगों और समस्याओं की जानकारी नहीं थी.

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि गोली चलाने में पुलिस ने नियमों का पालन नहीं किया गया. पहले पांव पर गोली चलाना चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि, रिपोर्ट में गोलीकांड में निलंबित हुए कलेक्टर स्वतंत्र कुमार और एसपी ओपी त्रिपाठी को भी सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया है.

सूत्रों के अनुसार जांच आयोग ने 13 पेज में 54 बिन्दुओं में रिपोर्ट दी है. इसमें कहा गया है कि 6 जून 2017 को महू-नीमच फोरलेन पर बही पाश्र्वनार्थ फाटे के पास चक्काजाम किया था. मुंह पर कपड़ा बांधकर असामाजिक तत्वों ने आंदोलकारियों के साथ शामिल होकर तोडफ़ोड़ शुरू कर दी. 

तकरीबन 12.30 बजे तत्कालीन सीएसपी सांई कृष्णा थोटा पुलिस और सीआपीएफ बल के साथ पहुंच कर चक्काजाम खुलवाने का प्रयास किया. इसी बीच आसमाजिक तत्वों ने सीआरपीएएफ के एक एएसआई सहित 7 जवानों को घेर लिया. उन पर पेट्रोल बम फेंके और मारपीट की.

रिपोर्ट में गोली चलाने के उस वाकये के बारे में भी बताया गया है. इसके अनुसार, बही पाश्र्वनार्थ फाटे पर उपद्रवियों ने आरक्षक विवेक मिश्रा को जमीन पर गिराकर रायफल छीनने का प्रयास किया, उन्हें बचाने गए आरक्षक उदय प्रकाश और अरुण कुमार को गिराकर रायफल छीनने लगे. स्थिति नियंत्रण से बाहर जाते देख गोली चलाने की चेतावनी दी गई. इसके बाद आरक्षक विजय कुमार ने दो गोली चलाई, जिससे कन्हैयालाल और पूनमचंद की मौत हो गई.

इसी तरह थाना पिपल्यामंडी में आंदोलनकारी थाने में घुसकर तोडफ़ोड़ करने लग थे. उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस आरक्षक प्रकाश, अखिलेश, वीर बहादुर, हरिओम, और नंदलाल गोलियां चलाईं. इसमें तीन लोग चेनराम, अभिषेक और सत्यनारायण मारे गए. इसके अलावा रोड सिंह, अमृतराम और दशरथ गोली लगने से घायल हुए. 

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