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शहरी आजीविका मिशन से 45 हजार युवाओं को मिली 372 करोड़ की सहायता


 

उज्जैन। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि शहरी गरीबों को सम्मानजनक आजीविका उपलब्ध करवाने के लिए संचालित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन में मध्यप्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। इस मिशन द्वारा प्रदेश में अभी तक 45 हजार युवाओं को लगभग 372 करोड़ 59 लाख रूपये की आर्थिक सहायता बैकों के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है।

मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बताया कि समावेशी विकास की अवधारणा के तहत प्रदेश में दीनदयाल अंन्योदय योजना में राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन वर्ष 2014-15 में प्रारंभ किया गया। यह मिशन 50 हजार से अधिक आबादी वाले 70 शहरों में लागू किया गया है। इसमें जरूरतमदों को स्व-रोजगार के लिए कौशल उन्नयन और सामाजिक एक-जुटता को बढ़ावा देने के लिए स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है।

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 16 हजार 142 समूह गठित किए गये है, जिनमें एक लाख 8 हजार 327 हितग्राहियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इनमें से 44 हजार 692 हितग्राहियों को 372 करोड़ 59 लाख रूपये की आर्थिक सहायता बैंको के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्याण, केश शिल्पी कल्याण योजना, साइकिल रिक्शा एवं हाथ ठेला चालक कल्याण योजनाएँ, संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही, शहरों में काम करने वाले श्रमिकों को दीनदयाल रसोई के माध्यम से 5 रूपये में भरपेट भोजन-मुहैया करवाया जा रहा है, जिससे श्रमिकों को काम करने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।

 

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