पुणे पुलिस में भाकपा(माओवादी) से संबंधित 5 संदिग्धों को किया गिरफ्तार, एक और 'राजीव गांधी हत्याकांड' की साजिश
पुणे: पुणे पुलिस ने गुरुवार (7 जून) को अदालत को बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) से ‘‘संबंध’’ के आरोप में गिरफ्तार पांच व्यक्तियों में से एक के घर में कथित रूप से एक पत्र मिला है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि माओवादी ‘‘एक और राजीव गांधी कांड’’ की योजना बना रहे हैं. पुलिस ने दिसंबर में यहां आयोजिल ‘एलगार परिषद’ और इसके बाद जिले में भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में बुधवार (6 जून) को दलित कार्यकर्ता सुधीर धावले, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राउत और शोमा सेन तथा रोना विलसन को क्रमश: मुंबई, नागपुर एवं दिल्ली से गिरफ्तार किया था.
सभी पांचों आरोपियों को गुरुवार को सत्र अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजक उज्ज्वल निकम ने अदालत से कहा कि दिल्ली में रोना विलसन के घर पर मिले पत्र में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिये आठ करोड़ रुपए की आवश्यकता की बात लिखी है. साथ ही उसमें ‘‘एक और राजीव गांधी कांड’’ का जिक्र किया गया है.
कोरेगांव-भीमा हिंसा के लिए 5 दलित कार्यकर्ता गिरफ्तार
पुणे पुलिस ने तथाकथित 'शहरी नक्सली समर्थकों' के खिलाफ एक बड़े अभियान के तहत बुधवार (6 जून) को महाराष्ट्र और नई दिल्ली से पांच दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी दिसंबर 2017 में पुणे में एक सभा में कथित भड़काऊ भाषणों के सिलसिले में हुई है. गिरफ्तार लोगों में मुंबई के सुधीर धवले, नागपुर के वकील सुरेंद्र गाडलिंग और दिल्ली के कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने नागपुर में शोमा सेन और मुंबई में महेश राउत को भी गिरफ्तार किया है.
विल्सन (47) को महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान के तहत दक्षिणी दिल्ली के एक इलाके से गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र विल्सन मुनिरका के पास एक डीडीए फ्लैट में छिपे हुए थे. नागपुर में राउत और सेन के घर पर भी छापेमारी की गई.
गिरफ्तार लोगों में धवले मराठी पत्रिका 'विद्रोही' के संपादक हैं. गाडलिंग ने प्रमुख नक्सली कार्यकर्ता जी.एन. साईबाबा की तरफ से न्यायालय में पेश हुए थे और कबीर कला मंच को कानूनी सहायता मुहैया कराई थी. इसी मंच ने एलगार परिषद का आयोजन किया था. राउत प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास का फेलो रह चुके हैं, और उन पर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली समूहों से संबंध रखने के आरोप हैं.
पिछले साल अप्रैल में पुणे पुलिस ने देश के विभिन्न हिस्सों में इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों पर छापे मारे थे और विभिन्न गतिविधियों में उनकी भागीदारी के लिए उनसे पूछताछ भी की थी. गिरफ्तार लोगों ने पिछले वर्ष 31 दिसंबर को पुणे के शनिवारवाड़ा में एलगार परिषद आयोजित किया था. यह परिषद ब्रिटिश सेना और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच हुए ऐतिहासिक युद्ध की 200वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी.
इस आयोजन को गुजरात के दलित नेता व विधायक जिग्नेश मेवानी, जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद, छत्तीसगढ़ की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी और भीम सेना के अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने संबोधित किया था. इसके एक दिन बाद (एक जनवरी को) कोरेगांव-भीमा में जातीय दंगे भड़के थे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.