इस बार राष्ट्रपति भवन में नहीं होगी इफ्तार पार्टी, राष्ट्रपति कोविंद ने टैक्स के पैसों से धार्मिक आयोजनों पर लगाई रोक
राष्ट्रपति भवन में इस साल इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं होगा। दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का मानना है कि करदाताओं के पैसे से राष्ट्रपति भवन में किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाए। यह दूसरा मौका है, जब राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी नहीं होगी। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम के कार्यकाल (2002-2007) के दौरान भी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया गया था।
प्रेसिडेंट एरिया में रहने कर्मचारी मना सकेंगे सभी त्योहार
- राष्ट्रपति के मीडिया सचिव अशोक मलिक ने कहा, "25 जुलाई, 2017 को रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। तभी उन्होंने फैसला किया था कि राष्ट्रपति भवन एक सार्वजनिक इमारत है। यहां सरकार या कर दाताओं के पैसों से किसी भी धर्म का कोई भी आयोजन या पर्व नहीं मनाया जाएगा। यह नियम सभी धर्मों के त्योहारों पर लागू होगा। हालांकि वे देशवासियों को हर त्योहार पर शुभकामनाएं देंगे। वैसे राष्ट्रपति भवन परिसर में रहने वाले सभी अफसर और कर्मचारी अपने-अपने त्योहार मनाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं है।"
2002 से 2007 तक इफ्तार पार्टी के पैसे से अनाथ की मदद की गई
- बता दें कि राष्ट्रपति भवन में हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन होता रहा है। पहली बार 2002 में इसके आयोजन पर रोक लगी थी। कलाम के कार्यकाल में लगातार पांच साल तक इसका आयोजन नहीं हुआ। कलाम के समय में इफ्तार पार्टी पर होने वाले खर्च से गरीब और अनाथ लोगों की मदद की गई थी।
- इसके बाद प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में फिर से इफ्तार पार्टी के आयोजन हुए थे।
2017 में कैरोल सिंगिंग कार्यक्रम का भी नहीं हुआ था आयोजन
- रामनाथ कोविंद ने 2017 में क्रिसमस के मौके पर राष्ट्रपति भवन मे कैरोल सिंगिंग का आयोजन भी रद्द कर दिया था। यह दूसरा मौका था, जब इस कार्यक्रम में रोक लगाई गई थी। इससे पहले 2008 में प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के दौरान मुंबई हमलों के चलते कार्यक्रम का आयोजन नहीं हुआ था।