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पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी कांग्रेस नेता शर्मिष्‍ठा ने किया भाजपा में शामिल होने की खबरों का खंडन



पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गुरुवार शाम को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दीक्षांत समारोह में होंगे। इसके लिए वह बुधवार शाम को नागपुर पहुंच गए हैं। इस बीच, उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि वह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा- उम्मीद है कि आज की घटना से प्रणब मुखर्जी को अहसास हो गया होगा कि भाजपा का डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट कैसे काम करता है। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के करीब 30 नेता भी प्रणब को पत्र लिखकर आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील कर चुके हैं।

कहा- भाजपा-आरएसएस को अफवाहें फैलाने का पूरा मौका दे रहे हैं
- शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा- “आरएसएस भी नहीं मानता है कि आप भाषण में उसकी सोच का बखान करेंगे, लेकिन बातें भुला दी जाएंगी। रहेंगे तो सिर्फ फोटो, जो फर्जी बयानों के साथ प्रसारित किए जाएंगे। नागपुर जाकर आप भाजपा-आरएसएस को फर्जी खबरें प्लांट करने, अफवाहें फैलाने का पूरा मौका दे रहे हैं। आज की घटना तो सिर्फ शुरुआत है।"

बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित हैं प्रणव मुखर्जी
- पूर्व राष्ट्रपति आज संघ मुख्यालय में होने वाले मुख्य कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ मंच साझा करेंगे। स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में प्रणब को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया है। 25 दिन तक चलने वाला यह प्रशिक्षण 7 जून को खत्म हो रहा है।

- इसमें देश भर के 708 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। इनमें डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान और विभिन्न वर्ग के युवा हैं। इनकी उम्र 25 से 30 साल की है।

कांग्रेस के 30 नेताओं ने कार्यक्रम में न जाने की अपील की थी
- पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने प्रणब से संघ कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की है। इन नेताओं ने पत्र और मीडिया के जरिए मुखर्जी से इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा। नेताओं का कहना है प्रणब के कार्यक्रम में जाने से संघ विचारधारा को मजबूती मिल सकती है।

कांग्रेस नेताओं ने उठाए थे सवाल
- कांग्रेस नेता जय राम रमेश और सीके जाफर शरीफ ने प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर कार्यक्रम में जाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था। जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को लिखा कि उन जैसे विद्वान और सेक्युलर व्यक्ति को आरएसएस के साथ किसी तरह की नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए। आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का देश के सेकुलर माहौल पर बहुत गलत असर पड़ेगा। 
- कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था, "कांग्रेस नेता होने के नाते प्रणब दा ने कई बार आरएसएस के बारे में बात की। उनकी नजर में आरएसएस से घटिया और गंदी संस्था देश में कोई नहीं है। उन्होंने संस्था के भ्रष्टाचार के बारे में बताया। उनका कहना था कि इसे देश से बाहर फेंकना चाहिए। आरएसएस अगर ऐसी विचारधारा के अतिथि को बुला रहा है, इसका मतलब वह अब उनके विचारों से सहमत हो गया है।"

जवाब 7 तारीख को नागपुर में ही दूंगा: प्रणब मुखर्जी
- इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने मामले में शनिवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। एक इंटरव्यू में मुखर्जी ने कहा कि इस बारे में कई लोगों ने पूछा, लेकिन जवाब नागपुर में दूंगा। उन्होंने कहा कि वे संघ के कार्यक्रम में जाने पर अभी कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं।

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