किसान आंदोलन के चलते महँगी हुई फल-दूध-सब्जियॉं
देश के छह राज्यों के किसान शुक्रवार को 10 दिन के आंदोलन के तहत सड़कों पर उतर आए। कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित 32 मांगों के समर्थन में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में किसानों ने सड़कों पर दूध बहाया और सब्जियां फेंकीं। इधर मध्यप्रदेश सरकार ने पहले ही दिन सब्जियों की कीमतें बढ़ते देख थोक और रिटेल की कीमतों की पड़ताल शुरू कर दी है। पता चला है कि बंद के कारण प्रदेश में कई जगह सब्जियों की कीमतों में 20 से 50 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो गई। लिहाजा सरकार लहसुन, प्याज, टमाटर समेत अन्य सब्जियों के लाइसेंसी थोक कारोबारियों के गोदामों की तलाशी की तैयारी कर रही है कि कहीं सब्जियां स्टॉक तो नहीं की जा रहीं। ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।
सीएम ने लिया आंदोलन का फीडबैक
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को स्टेट हैंगर पर ही किसान आंदोलन का फीडबैक लेने के लिए सीएम सचिवालय और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बुलाया।
- इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा है कि 10 जून को दोपहर दो बजे तक किसानों की मांगों के हित में भारत बंद किया जाएगा। पिछले साल ग्रीष्मकालीन मूंग के दाम गिरने और खरीदी को लेकर किसानों में भारी आक्रोश था, जिसका असर किसानों के आंदोलन के दौरान भी दिखाई दिया।
- स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि इस बार यह नहीं होना चाहिए। इसलिए 6 से 20 जून तक ग्रीष्मकालीन मूंग के किसानों का पंजीयन होगा। इस समय ग्रीष्मकालीन मूंग की कीमत मंडियों में एक हजार रुपए तक गिर गई है। इसलिए सरकार 5575 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर खरीदी करेगी। सीएम के निर्देश पर शुक्रवार को ही आदेश जारी कर दिए गए। जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, सीहोर, रायसेन, विदिशा, गुना, देवास, इंदौर, धार और बालाघाट में इसकी खरीदी होनी है।
पुलिस ने दूध वालों से कहा- कोई रोके तो फोन करना
- रतलाम से लेकर राजस्थान बॉर्डर तक हाईवे पर पुलिस के वाहन पेट्रोलिंग करते रहे। पुलिस बल को जहां भी दूधवाले नजर आए उन्हें रोकते हुए उन्होंने सबको अपने मोबाइल नंबर दिए और कहा- कोई भी दूध बेचने से रोके तो सीधे फोन करना।
- नयागांव-मंदसौर सड़क मार्ग पर सुबह किसानों ने एकत्र होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। सब्जियां छीन कर सड़कों पर भी फेंकी। भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है जो हर स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मंदसौर और नीमच में बंद का नहीं दिखाई दिया असर
किसान आंदोलन के मुख्य केंद्र रहे तीन जिलों मंदसौर, रतलाम और नीमच में भी बंद का कुछ ज्यादा असर दिखाई नहीं दिया। मंदसौर और रतलाम में दूध और सब्जियों की आवक घटी, लेकिन नीमच में डिमांड से ज्यादा 20 हजार लीटर दूध और 50 क्विंटल सब्जी पहुंच गई। मंदसौर में आंदोलन समर्थकों ने दूध बांट रहे लोगों से हाथ जोड़कर और माला पहनाकर आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
राजस्थान: 80 डेयरी समितियों में तोड़फोड़
- विभिन्न जगहों से टैंकर के जरिए जयपुर आ रहा करीब 15 हजार लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया गया। किसान आंदोलन के कारण शुक्रवार को डेयरी में करीब दो लाख लीटर दूध कम आया। किसान आंदोलन के दौरान जयपुर, दौसा सहित कई जिलों में 80 डेयरी समितियों में तोड़फोड़ हुई। यहां दूध लेकर आए किसानों को भगा दिया गया।
- डेयरी में हर दिन 11 लाख लीटर दूध आता है लेकिन गुरुवार को महज 9 लाख लीटर दूध ही आ पाया। तोड़फोड़ और दूध सड़क पर बहाने को लेकर डेयरी प्रशासन ने 4 थानों में मुकदमा दर्ज कराए हैं।
हरियाणा: उपद्रव करने वालों में सरकारी कर्मचारी और छोटे किसान
- सब्जी मंडियों और शहरों में दूध की सप्लाई पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। यमुनानगर और फतेहाबाद समेत कई शहरों में किसानों को जबरदस्ती हड़ताल में शामिल करने की कोशिश की गई। दूध और सब्जियां छीनकर सड़क पर फेंकी दी गई।
- किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर आंदोलन को फेल करने का आरोप लगाया है।
- फतेहाबाद के गांव धांगड़ के पास हाइवे से गुजरने वाले खाद्य पदार्थों से भरे वाहनों को रुकवाकर सामान बिखेरने वाले प्रदर्शनकारियों की पहचान हुई है।
- दैनिक भास्कर के पास उपलब्ध एक वीडियो में नजर आ रहे प्रदर्शनकारियों की पहचान की गई है। इनमें कुछ सरकारी कर्मचारी हैं।
- पूछताछ व वीडियो में आए चेहरों को पहचाने के बाद ग्रामीणों ने कुछ नाम बताए हैं। इनमें एक एसडीएम ऑफिस में कार्यरत कच्चा कर्मचारी है, उसके पास करीब 6 एकड़ जमीन है। एक के पास 2-3 एकड़ जमीन है। एक को-ऑपरेटिव सोसायटी में पीयन है। उसके पास 3 एकड़ जमीन है। एक के पास कुछ जमीन के अलावा डेयरी का काम है।