नेताजी की मौत का रहस्य गॉंधी, नेहरू परिवार की वजह से है अनसुलझा : राजश्री
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु हवाई दुर्घटना में नहीं हुई थी। नेताजी की मौत के रहस्य से अभी तक पर्दा नहीं उठ सका है। देश में लम्बे समय तक नेहरू और गांधी परिवार ने राज किया। इन परिवारों ने नेताजी की मृत्यु के राज को लंबे समय से दबाए रखा है। हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की है कि वे नेताजी की मौत के रहस्य को सुलझाएं।
यह बात पत्रकारों से चर्चा करते हुए नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रपौत्री राजश्री चौधरी ने कही। वीर सावरकर मेले में शामिल होने कलकत्ता से आईं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रपौत्री राजश्री चौधरी ने कहाकि केन्द्र और पश्चिम बंगाल सरकार ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं उनके अनुसार नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की मौत हवाई दुघर्टना में नहीं हुई थी।
राजश्री ने राष्ट्रपति को आवेदन कर मांग की है कि वे इतिहास सहित सभी दस्तावेजों से नेताजी की हवाई दुघर्टना में होने की बात को हटवाएं। नेताजी की मौत का रहस्य उलझाने में नेहरू और गांधी ने अंग्रेजों के साथ मिलकर कूटनीतिज्ञ साजिश रची थी। नेहरू और गांधी परिवार को सत्ता का लालच था इसलिए उन्होंने अंग्रेजों के साथ मिलकर यह षड्यंत्र रचा था।
जनता जानती है राम और रावण कौन
शहर में गोडसे का मंदिर बनने से कोई परेशानी नहीं है जिन लोगों ने 1947 के बंटवारे का दर्द और परेशानी झेली है। वे जानते हैं कि देश में रावण कौन है और राम कौन है।
विदेशों से भी मंगाए दस्तावेज
विदेशों में भी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस से जुड़े दस्तावेज हैं, भारत सरकार से हमने मांग की है कि विदेशाें में जो दस्तावेज रखे हैं उन्हें भी भारत मंगवाना चाहिए।
रकार को करना चाहिए वादे पूरे
केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाने, राममंदिर का निर्माण कराना और यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट लागू कराने का वादा चुनाव के पहले किया था इसे पूर्ण करना चाहिए।
अंग्रेजों के चल रहे हैं नियम
आजादी के पहले अंग्रेज देश में जो नियम और कानून बना गए हैं वे अभी तक चल रहे हैं। इनमें बदलाव करने की आवश्यकता है।
आजाद हिंद फौज की दौलत से आबाद हुआ ब्रिटेन
देश को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया था। फौज और देश के लिए नेताजी ने उस समय करोड़ों स्र्पए एकत्रित किया था। इस खजाने पर अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया और उसे ब्रिटेन ले गए। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटेन लगभग बर्बाद हो गया था। आजाद हिंद फौज के पैसों से ही ब्रिटेन ने स्वयं को खड़ा किया।