मुख्यमंत्री भावान्तर योजना एवं समर्थन मूल्य की खरीदी का पंजीयन किया गया
उज्जैन । उज्जैन जिले में 21 मार्च को विशेष ग्राम सभाएं आयोजित कर मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के अन्तर्गत चना, मसूर, लहसुन, प्याज, सरसो की फसलों का पंजीयन कार्य किया गया। पंजीयन के बारे में स्थानीय स्तर पर किसानों को समझाईश दी गई। इसी तरह समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में पंजीयन से वंचित रहे किसानों का भी ग्राम सभाओं के दौरान पंजीयन किया गया। ग्राम पंचायत पिंगलेश्वर में किसान श्री बाबूलाल मालवीय, श्री शहजाद खान एवं श्रीमती उषा सिसौदिया ने पंजीयन के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर पंजीयन करवाया। मुख्यमंत्री भावान्तर योजना के बारे में चर्चा करने पर कृषक श्री बाबूलाल मालवीय एवं श्री शहजाद खान ने बताया कि योजना किसानों के फायदे के लिये बनाई गई है। उनका कहना था कि यदि इस योजना में पैसा थोड़ा जल्दी मिल जाये तो किसान अपने आवश्यकता के कार्य पहले कर सकेंगे।
भावान्तर योजना के अन्तर्गत पंजीयन 24 मार्च तक
भावान्तर भुगतान योजना के अन्तर्गत चना, मसूर, सरसों, प्याज के पंजीयन की अन्तिम तिथि 24 मार्च और खरीदी की तिथि 26 मार्च से 15 जुलाई तक निर्धारित की गई है। लहसुन के लिये पंजीयन का कार्य 31 मार्च तक किया जायेगा। प्याज का विक्रय मंडी में 16 मई से 30 जून तक किया जायेगा। प्याज की भण्डारित मात्रा का मंडी में विक्रय 01 अगस्त से 31 अगस्त के बीच करने पर भावान्तर भुगतान का लाभ किसानों को मिलेगा।
भावान्तर भुगतान योजना में फसलों का पंजीयन प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और मंडियों में ऑनलाइन पंजीयन www.mpeuparjan.nic.in में होगा। ज्यादा से ज्यादा किसानों को रबी वर्ष 2017-18 में भावान्तर भुगतान योजना के अन्तर्गत चना, मसूर, सरसों एवं प्याज में भावान्तर का लाभ उपलब्ध कराने हेतु समस्त प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों एवं कृषि उपज मंडी समितियों के स्तर पर नि:शुल्क पंजीयन उक्त तिथियों में किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लहसुन में किसानों को भावान्तर का लाभ लेने के लिये भी नि:शुल्क पंजीयन 31 मार्च तक किया जायेगा।
भण्डारण सुविधा भी
किसानों के लिये शासन द्वारा फसल भण्डारण सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। भण्डारण का पूर्ण भुगतान शासन करेगा। भुगतान की राशि किसानों के खाते में सीधे जमा होगी। भण्डारित फसल मात्रा के मूल्य की 50 प्रतिशत राशि की बिना ब्याज ऋण सुविधा सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को प्रदाय की जायेगी। किसानों से आग्रह किया गया है कि निर्धारित कृषि उपजों में से उनके द्वारा उत्पादित फसलों के लिये योजना में नि:शुल्क पंजीयन करवा कर योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के दौरान उपज को मंडी प्रांगण में विक्रय कर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य के अतिरिक्त भावान्तर का भी लाभ प्राप्त करें। किसान अपनी उपज बेचने में जल्दबाजी न करें। इसके लिये पर्याप्त समय है।