पशुओं को शीत प्रकोप से कैसे बचाये
उज्जैन- उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी ने जानकारी दी कि ठंड के मौसम में मवेशी सबसे ज्यादा बीमार पड़ते है। कई बार तो उनकी मौत भी हो जाती है। ऐसे में सर्दियों में पशुओं का ख्याल रखने की खास जरूरत है ठण्ड में मवेशियों को बुखार या पेट खराब होने की शिकायत आती है ऐसी स्थिति में मवेशियों का प्राथमिक उपचार करे और जल्द से जल्द पशु चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार करावें। पशुओं को शीत प्रकोप से बचाने के लिये कई उपाय जरूरी है। पशुओं को आवास प्रबंधन एवं आहार संबंधी बातों का ध्यान रखा जाये तो मवेशियों को शीत प्रकोप से बचाया जा सकता है। पशुओं को साफ-सुथरी सूखी जगह पर रखना चाहिये, ठंड से बचाने के लिये पशुओं का बिछावन पुआल की मोटाई तीन से चार इंच, खिडकियों पर बोरी के पर्दे, छत पर टाट आदि लगाये, मवेशियों को जूट के के बोरे पहना सकते है जो कि शरीर को गर्मी देता है,ठण्ड में पशुओं के रहने वाली जगह को सूखा रखना चाहिये। पशुओं को ठंड से बचाने हेतु सुबह की धूप में जरूर रखना चाहिये, सांयकाल पशुशाला में अलाव जलाना चाहिए जिससे पशुशाला गर्म रखी जा सके, सभी आवश्यक बीमारियों के टीके समय पर लगवाना चाहिये। पशुओं को संतुलित पोषक आहार देना चाहिये, सूखे चारे के साथ हरा चारा व दाना पशुओं को उत्पादन के आधार पर देना चाहिए, पशु को अधिक उर्जा पैदा करने वाले अवयव जैसे गुड, खली, आदि आहार में खिलाना चाहिये जिससे पशु का शरीर गर्म रहता है, पशुओं को स्वच्छ एवं ताजा पानी पिलाना चाहिये ज्यादा ठण्डा पानी नहीं पिलाना चाहिये। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी / समस्या होने पर विभाग के टोल फी नं. 1962 पर कॉल करें या निकटतम पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क करें।