10 से 15 मिनिट में गेहूं की ट्रॉली तुल जाती है, साइलो बनने से 14 सहकारी संस्था के हजारों किसान लाभान्वित
उज्जैन । उज्जैन जिले में गेहूं की समर्थन मूल्य की खरीदी 15 मार्च से प्रारम्भ हो गई है। जिन किसानों को एसएमएस से खरीदी की सूचना मिल रही है, वे सम्बन्धित खरीदी केन्द्रों पर जा रहे हैं। उज्जैन तहसील की 14 सहकारी संस्थाओं का समर्थन मूल्य का गेहूं ग्राम लालपुर में स्थापित किये गये साइलो पर खरीदा जा रहा है। 50 हजार मैट्रिक टन की क्षमता वाले इस साइलो में किसानों की ट्रॉलियां मिनिटों में तुल रही हैं।
तीन वर्ष पूर्व लालपुर में गेहूं के भण्डारण के लिये अडानी कंपनी द्वारा साइलो की स्थापना की गई। इस साइलो में 50 हजार मैट्रिक टन गेहूं आधुनिक स्वचालित मशीनों से पम्पिंग के द्वारा भण्डारित हो जाता है। जिला प्रशासन द्वारा इस साइलो पर उज्जैन तहसील की 14 सहकारी संस्थाओं के पंजीकृत किसानों का गेहूं खरीदने के लिये केन्द्र स्थापित किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटा आधुनिक प्रयोगशाला से गेहूं के तौल में किसानों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं आ रही है। जैसे ही किसान ट्रॉली लेकर पहुंचते हैं, 15 मिनिट में हाइड्रोलिक सिस्टम से डम्पिंग स्टेशन में डम्प कर तौल पर्ची लेकर घर पहुंच रहे हैं। इस साइलो की 150 मैट्रिक टन प्रतिघंटा भण्डारण करने की क्षमता है, अर्थात एक घंटे में 50 ट्रेक्टर ट्रॉली गेहूं तुलकर भण्डारित हो जाता है। साइलो में भण्डारित गेहूं एयर टाइट रहता है, इस कारण से इसकी गुणवत्ता भी लम्बे समय तक बनी रहती है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री के लिये पहुंचे ग्राम बांसखेड़ी के श्री भेरू राव, ग्राम कड़छा के श्री जाकिर हुसैन तथा ग्राम ब्यावरा के श्री उस्मान पटेल प्रसन्नतापूर्वक बताते हैं कि किसानों के साथ साइलो पर अच्छा बर्ताव होता है। कम समय में तौल हो जाता है और जलपान के लिये अच्छी गुणवत्ता का सामान भी यहां पर मिलता है। इन किसानों का मानना है कि अन्य खरीदी केन्द्रों की बजाय साइलो किसानों के अधिक सुविधाजनक है। ग्राम चिन्तामन जवासिया के श्री शिवनारायण पटेल कहते हैं कि पहले खरीदी केन्द्रों पर दो-दो दिन का समय लगता था, किन्तु साइलो बनने से मिनिटों में ही तौल करके दूसरा काम कर सकते हैं।