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उज्जैन संभाग में असंगठित श्रमिकों के पंजीयन 27 मार्च से 5 अप्रैल तक होगा


असंगठित श्रमिकों का पंजीयन अत्यन्त सरल

संभागायुक्त श्री ओझा ने जिला कलेक्टरों को दिये निर्देश

उज्जैन । राज्य शासन के निर्देशों के परिपालन में उज्जैन संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने उज्जैन संभाग के समस्त जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने-अपने जिले में 27 मार्च से 5 अप्रैल तक अभियान चलाकर असंगठित श्रमिकों के पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण कर लें। संभागायुक्त ने श्रमिकों के पंजीयन एवं योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने के लिये ग्रामीण क्षेत्र के लिये जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा शहरी क्षेत्र में आयुक्त नगर निगम एवं जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया है। संभागायुक्त ने समस्त जिला कलेक्टरों को इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। श्रमिकों की श्रेणियों के चिन्हांकन का कार्य नगरीय क्षेत्र में वार्ड प्रभारी और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव/ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा 21 मार्च से 23 मार्च के मध्य पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। संभागायुक्त ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे पंजीयन के कार्य के लिये ग्राम पंचायतों, नगरीय निकायों के वार्डों में डोंडी पिटवाकर अधिक से अधिक प्रचार करवायें जाये, ताकि असंगठित श्रमिक अधिक से अधिक पंजीयन करायें।

पंजीयन कहां और कैसे करायें?

उज्जैन संभाग के समस्त जिलों में 27 मार्च से 5 अप्रैल के बीच आयोजित होने वाले शिविरों में असंगठित श्रमिक जाकर अपना निर्धारित प्रारूप में आवेदन कर पंजीयन करवायें। आवेदन के खाली फार्म ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायत सचिव और शहरी क्षेत्र के श्रमिक वार्ड प्रभारी से प्राप्त कर फार्म की पूर्ति कर उन्हें जमा करा सकते हैं। श्रमिकों का पंजीयन ऑनलाइन जारी कर दिया जायेगा और उनके दिये गये मोबाइल नम्बर पर मैसेज प्राप्त होगा।

असंगठित श्रमिक कौन?

पंजीयन उन असंगठित श्रमिकों का किया जायेगा, जो कृषि मजदूर, घरों में काम करने वाले, फेरी लगाने वाले दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, बाजारों में दुकानों पर काम करने वाले, गोदामों में काम करने वाले, परिवहन, हाथकरघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तु व जूते बनाने वाले, ऑटो-रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मीलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लोहार, बढ़ई तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे हैं। श्रमिकों का पंजीयन श्रम कल्याण बोर्ड के कार्यालय में किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि आर्थिक असुरक्षा से जूझते असंगठित श्रमिकों की बेहतरी के लिये उनके आर्थिक, सामाजिक तथा बच्चों की बेहतर शिक्षा तथा शासन की अन्य सुविधाएं देने के लिये योजनाओं पर प्रभावी अमल किया जा रहा है।

पंजीयन के उपरान्त श्रमिकों को लाभ

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के उपरान्त श्रमिकों की गर्भवती महिलाओं को 16 हजार 500 रूपये की राशि दी जायेगी। इसमें गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 04 हजार रूपये और प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रूपये जमा कराये जायेंगे। सामान्य मृत्यु की दशा में 02 लाख एवं दुर्घटना से मृत्यु पर 04 लाख दिये जायेंगे। अन्तिम संस्कार के लिये तुरन्त पांच हजार ग्राम पंचायत द्वारा दिया जायेगा। गंभीर बीमारी की दशा में नि:शुल्क इलाज होगा। भूमिहीन श्रमिकों को मकान बनाने के लिये जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया जायेगा। कक्षा 01 से पीएचडी तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जायेगी। स्वरोजगार के लिये ऋण पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा और स्वरोजगार के लिये कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। निर्धारित सीमा तक बिजली का बिल में लाभ उपलब्ध कराया जायेगा। सायकल और औजार खरीदी के लिये 05 हजार रूपये का अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।

पंजीयन के उपरान्त श्रमिकों को मजदूर सम्मेलन में लाभ दिया जायेगा

संभाग के जिलों में 16 अप्रैल से 15 मई के बीच सम्बन्धित जिलों के कलेक्टर के द्वारा निर्धारित तिथि में मजदूर सम्मेलन आयोजित कर असंगठित श्रमिकों का पंजीयन उपरान्त उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जायेगा। असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिक जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा परिवार के पास जमीन न हो, शासकीय सेवा में नहीं हों और इंकम टेक्स नहीं भरता हो, मप्र भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल का पंजीकृत श्रमिक न हो, का पंजीयन कर उन्हें लाभ पहुंचाया जायेगा।

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