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रूद्रसागर में फहराई 81 फीट उंची और 51 फीट लंबी धर्मध्वजा


 

ळरसिध्दि को चुनरी अर्पित कर विक्रमादित्य टीले तक निकला धर्मध्वजा चल समारोह-संतों का हुआ सम्मान

उज्जैन। हिंदू नवसंवत् चौत्र प्रतिपदा गुड़ी पड़वा नववर्ष पर श्री विक्रमादित्य सिंहासन बत्तीसी रूद्रसागर पर धर्मध्वजारोहण एवं संत सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। रविवार प्रातः 9 बजे विक्रमादित्य की आराध्य देवी मां हरसिध्दि का पूजन, अर्चन एवं चुनरी समर्पित कर संतों के सानिध्य में ध्वजा चल समारोह के रूप में हरसिध्दि मंदिर से विक्रमादित्य टीले तक पहुंची जहां सबसे उंची 81 फीट उंची और 51 फीट लंबी ध्वजा फहराई गई एवं संतो द्वारा जनमानस को नवसंवत नव वर्ष की बधाई दी।

आयोजन समिति के फूलचंद जरिया, श्याम जायसवाल एवं डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल के अनुसार धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री कल्याण संघ खेड़ीघाट बड़वाह एवं विक्रमादित्य नवसंवत धर्म ध्वजारोहण समिति द्वारा आयोजित समारोह की अध्यक्षता डॉ.कल्याणी चैतन्य ब्रह्मचारीणी (अम्मा) ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद, शक्तिपाताचार्य स्वामी नारदानंद महाराज, बालयोगी उमेशनाथ महाराज एवं सारस्वत अतिथि के रूप में ज्योतिर्विद खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पं. मोहन भट्ट, कृष्ण मित्र वृंदावनधाम के संस्थापक पं. गिरिश गुरू, प्रसिध्द खाटू श्याम भजन गायक नंदू महाराज, लोकमान्य तिलक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गोविंद गंधे उपस्थित रहे। जिनका शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। साथ ही विशेष अतिथि के रूप में निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत उपस्थित रहे। आयोजन समिति के जयेश सर्राफ, रितेश माहेश्वरी, महेश तिलक, रवि भूषण श्रीवास्तव, निलेश सांघी, कप्तान बोबल, हरिसिंह यादव, अजित मंगलम ने ध्वजारोहण में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया। महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपा नंद ने रुद्रसागर की दुर्दशा पर रोष व्यक्त कर प्रशासन को कोसा। डॉ. कल्याणी चेतन्य ब्रह्मचारणीय अम्मा द्वारा रुद्रसागर में सिंहस्थ में स्थापित स्थाई धर्म ध्वजा को फहराने का संकल्प पुनः नगर वासियो को दिलाया गया एवं शारदीय नवरात्रि में धर्मध्वजा रोहण का दायित्व हरसिध्दि भक्त मंडल को सौपा जो कि अम्माजी के सानिध्य में ध्वजारोहण किया जाएगा। संचालन डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने किया एवं आभार श्याम जायसवाल ने माना। उक्त जानकारी कार्यक्रम प्रमुख फूलचंद जरिया द्वारा दी गई।

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