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फिर क्षिप्रा शुध्दिकरण के नाम पर करोड़ों डकारने की तैयारी


 

उज्जैन। एमआईसी द्वारा नगर निगम का बजट 2018-19 पेश किया गया जिसमें भाजपा बोर्ड द्वारा एक बार फिर क्षिप्रा के नाम पर भ्रष्टाचार करने हेतु क्षिप्रा शुध्दिकरण के नाम पर 2 करोड़ रूपये स्वीकृत किये। 

पूर्व महापौर प्रत्याशी दीपक मेहरे ने उक्त टिप्पणी करते हुए कहा कि नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना के नाम पर 450 करोड़ रूपये खर्च करने के बाद अब तक नर्मदा का पानी उज्जैनवासियों को नसीब नहीं हुआ। आज भी जलसंकट में शहर को एक दिन छोड़कर एक दिन पानी सप्लाय किया जा रहा है। करोड़ो रूपये खान डायवर्शन पर खर्च किये लेकिन आज भी खान का गंदा पानी क्षिप्रा में मिल रहा है। ऐसे में नगर निगम का भाजपा बोर्ड मोक्षदायिनी क्षिप्रा को शुध्दिकरण के नाम पर एक बार फिर 2 करोड़ डकारने की जुगत बैठा रहा है और शायद इसीलिए फिर नगर निगम के बजट में उक्त राशि स्वीकृत की गई। मेहरे ने कहा कि करोड़ों पूर्व में भी मोक्षदायिनी के शुध्दिकरण के नाम पर निकाले गये नगर निगम का भाजपा बोर्ड बताये कि उसमें से कितना क्षिप्रा पर खर्च हुआ और यदि नहीं हुआ तो वह पैसा कहां हैं क्योंकि करोड़ों खर्च होने के बावजूद क्षिप्रा तो जैसी थी आज भी वैसी है। 

शहर की सफाई के लिए 5 करोड़ का प्रस्ताव बजट में रखा गया। पहले 1 करोड़ 30 लाख का ठेका प्रचार प्रसार के लिए देवास नगर निगम द्वारा ब्लेक लिस्टेड किये गये व्यक्ति को डिवाईन कंपनी के नाम से ठेका दिया था। 12 बिंदू पर प्रचार प्रसार होना था जिनमें नाटक, प्रचार, प्रसार, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक, डॉक्टरों का घर-घर पहुंचकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना आदि थे लेकिन सड़क पर इनमें से आधे बिंदू पर काम होता भी नजर नहीं आया। मेहरे ने कहा कि नगर पालिका निगम और एमआईसी को सोचना चाहिये कि जनता को केसे लाभ दे सकते हैं, न कि सिर्फ भ्रष्टाचार कैसे करें पर ही मंथन करता रहे भाजपा बोर्ड। 

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