मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तर्जुमान मौलाना ख़लीलूर रहमान सज्जाद नौमानी पर एफआईआर ज़मीर फरोश और समाज दुश्मन अनासिर की चाल
मोहम्मद वजाहट और वासीम रिज़वी आरएसएस डिवाइस उपकरण मुस्लिम नेताओं को
धमकी देने की कोशिश करना बंद करो- आल इंडिया इमाम्स कौंसिल
नई दिल्ली। देशद्रोह का मतलब है कानून और संविधान के खिलाफ कोई कदम उठाया
जाए, या फिर देश विरोधी तत्वों के साथ मिलकर देश के खिलाफ साजिश का
हिस्सा बन जाए। और यह काम आरएसएस और उसके साथ काम करने वाली संगठन कर
रहा। आज आरएसएस खुफिया एजेंसियों, इजरायल एजेंटों और देश विरोधी तत्वों
के साथ खुल्लम खुल्ला देश को तोड़ने का काम कर रहा है। जो संगठन फासीवादी
एजेंडे को लागू करने के लिए देश के संविधान को बदलने की बात करे, जो अपने
गुंडों को देश के बल से अधिक शक्तिशाली बताए और देश की गंगाजमनी सभ्यता
को मिटाने के लिए पूरे देश में नफरत और दंगों का बाज़ार ग्राम करता जाये
क्या वह देश के गद्दार नहीं हैं?
उक्त वक्तव्य ऑल इंडिया इमाम्स कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना
मोहम्मद अहमद बैग नदवी ने दिया। उन्होंने कहा मौलाना खलील-उर-रहमान सज़ाद
नौमानी, जो कानून के एक रक्षक के रूप में आरएसएस की सच्चाई से अवगत हैं,
देश को पेश आनेवाले खतरे से आगाह कर रहे हैं, हिंदू मुस्लिम एकता का
अनुवाद करने से अवगत है। ऐसे ईमानदार और देशभक्ति पर देशद्रोह का मामला,
सत्ताधारी पार्टी के जबरन वसूली का परिणाम है, और देश में बढ़ती वैचारिक
विचारधारा का नतीजा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना नदवी ने कहा, शिया
समर्पित बोर्ड (जो मुस्लिम नफरत के आधार पर आधारित है), उसके चैंपियन
वसीम रिजवी और आरएसएस की बनाई हुई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, मुहम्मद वजाहत
(यूपी) आरएसएस उपकरण के रूप में कार्य करें यही कारण है कि रवि शंकर,
साध्वी पराची, परवीन तोगडिया जैसे लोग नहीं देख पाते। दुश्मन के तत्वों
की ऐसी असंवैधानिक और अवास्तविक बातचीत में सरकारी प्रशासन की एफआईआर में
प्रवेश करने के लिए बेहद शर्मनाक है। परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा
आल इंडिया इमाम्स कौंसिल वसीम रिजवी द्वारा दायर की गई एफआईआर की निंदा
और विरोध करती है, इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई, लोगों के
खिलाफ बेआबरुई का मुक़द्दमा दाखिल करने, मौलाना के ऊपर दिए मुक़द्दमा को
ख़त्म करने का मुतालबा करती है।