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कागज पर नहीं, वास्तविक रूप से ओडीएफ है ग्राम खड़ोतिया



हर घर में हो रहा है शौचालय का उपयोग

उज्जैन। उज्जैन उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील का ग्राम खड़ोतिया काफी पहले
ओडीएफ घोषित हो चुका है। यहां के सरपंच ओडीएफ की मॉनिटरिंग के लिए लगातार सजग रहते हैं।
यही कारण है कि खड़ोतिया ग्राम कागजो में नही वास्तविक रूप से स्वच्छता में अव्वल बना हुआ है।
यहां के हर घर में शौचालय बने हुए हैं, हर परिवार के  घर के आगे  डस्टबिन रखी हुई है। गांव में
लगातार इकट्ठे होने वाले कचरे की  छटाई करके नाडेप में उपयोग होने वाले कचरे के लिए पृथक से
10 नाडेप   बनाकर  कचरे से  ख़ाद बनाया जा रहा है।
खडोतिया गांव में वर्तमान में 315 शौचालय का उपयोग हो रहा है। साथ ही सार्वजनिक
उपयोग के लिए सामुदायिक शौचालय भी बनाए गए हैं। सरपंच श्री बनेसिंह पूरे आत्मविश्वास से कहते
हैं कि गांव का कोई भी रहवासी  खुले में शौच नहीं जाता है। गांव की साफ सफाई के लिए एक नियमित रूप से सफाई कर्मी की नियुक्ति की गई है जो सड़कों की साफ सफाई एवं डस्टबिन से
कचरा एकत्रित करता है। सरपंच ने बताया कि गांव के घरों में शौचालय बनाने के लिए काफी मेहनत
की गई। 135 घरों में  12-12  हजार रु का अनुदान देकर शौचालय बनवाए गए। शेष घरों में पुराने
शौचालय  10000 रु की लागत से बने हैं। गांव में  बीपीएल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित  जनजाति
के लोगों को अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई है ।  पिछड़ा वर्ग के परिवार जिनमें महिला मुखिया हैं
उनको भी अनुदान राशि दी गई है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के  लोगों को स्वयं  के  व्यय  से
शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसी का परिणाम है की खड़ोतिया आज एक स्वच्छ ग्राम
की श्रेणी में  शामिल  है ।गांव के निवासी अंतरसिंह से पूछने पर कि गांव में स्वच्छता की क्या 
स्थिति  है तो वह तपाक से कहते हैं &#39;साफ सफाई चकाचक है

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