जिले के सभी प्रजनन-योग्य पशुओं का पंजीकरण एवं टैगिंग की जायेगी
इनाफ साफ्टवेयर से पशुओं की मॉनीटरिंग होगी
उज्जैन | आम आदमियों के लिये आधार कार्ड की तर्ज पर अब पशुओं का पंजीकरण एवं टैगिंग डिजिटल तरीके से होगी। इसके लिये भारत सरकार द्वारा इनाफ साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इनाफ का मतलब इन्फॉर्मेशन नेटवर्क फॉर एनीमल प्रोडक्टिविटी एण्ड हैल्थ है। उज्जैन जिले में कुल दो लाख 34 हजार 656 पशुओं की टैगिंग का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन सभी की टैगिंग एवं पंजीकरण का कार्य जिले में बड़े पैमाने पर शुरू किया जा रहा है। टैगिंग का कार्य 15 मार्च 2018 से 9 दिसम्बर 2018 तक चलेगा।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ.एचव्ही त्रिवेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिले के गोवंश एवं भैंस वंश के प्रजनन-योग्य पशुओं का टैगिंग करने से मैदानी अमले को मॉनीटरिंग एवं कंट्रोल में सुविधा मिलेगी। साथ ही योजना बनाने वाले एवं वैज्ञानिकों के लिये अच्छा डाटाबेस उपलब्ध रहेगा। साथ ही पशु उत्पादकता एवं पशु स्वास्थ्य के लिये सेवा प्रदाताओं को आईटी का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध रहेगा। इनाफ से सुपीरियर बुल एवं फीमेल को छांटने, किसी भी बीमारी के आऊटब्रेक होने को आसानी से रोकने एवं कृत्रिम गर्भाधान की क्षमता बढ़ाई जा सकेगी।
टैंगिग के कार्य के लिये उज्जैन तहसील को 44 हजार टैग, 20 एप्लीकेटर एवं 24 टेबलेट प्रदाय किये गये हैं। इसी तरह घट्टिया तहसील को 26 हजार टैग, 8 एप्लीकेटर एवं 8 टेबलेट, तराना को 30 हजार टैग, 8 एप्लीकेटर एवं 10 टेबलेट, महिदपुर को 40 हजार टैग, 5 एप्लीकेटर और 6 टेबलेट, बड़नगर को 40 हजार टैग, 11 एप्लीकेटर और 13 टेबलेट, नागदा को 24656 टैग, 7 एप्लीकेटर, 9 टेबलेट तथा खाचरौद को 30 हजार टैग, 13 एप्लीकेटर एवं 16 टेबलेट प्रदाय किये गये हैं। टैगिंग कार्य के लिये 18 नोडल अधिकारी, 21 सुपरवाइजर एवं 89 अधीनस्थ कर्मचारी नियुक्त किये गये हैं।