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चारों कुंभ स्थान, प्रसिद्ध तीर्थों व मंदिरों पर ब्राह्मणों का सम्मान अक्षुण्ण रखने का लिया संकल्प


उज्जैन @ भारत के चारों कुंभ स्थान तथा देश के सभी प्रसिद्ध सनातन धर्म के तीर्थ, मंदिरों पर सनातन एवं वैदिक परंपरा के संवाहक तीर्थों के तीर्थ पुरोहितों तथा मंदिरों के पुजारियों का सम्मान अक्षुण्ण रहे तथा राष्ट्र एवं राज्य की सरकारें तथा स्थानीय प्रशासन तीर्थों के विकास उनके वैभव के साथ तीर्थों के पुरोहितों एवं ब्राम्हणों का सम्मान भी करें इस संकल्प के साथ धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दो दिवसीय अधिवेशन का समापन रविवार को महाकाल प्रवचन हाल में हुआ।
दूसरे दिन धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासंघ के संपूर्ण भारतवर्ष के 40 राज्य इकाइयों की इकाइयों का मनोनयन एवं पुनर्गठन की घोषणा राष्ट्रीय संयोजक सुनील शर्मा द्वारा की गई। साथ ही एक नया प्रकल्प तीर्थ शोध संस्थान का गठन कर उसका संयोजक नरेंद्र बिंदल को बनाया गया जो आध्यात्मिक रूप से लुप्त धार्मिक यात्राओं का शोध कर ऐसी यात्राओं को प्रारंभ करेगा जिसमें प्रमुख रुप से महाभारत काल में मथुरा वृंदावन से कृष्ण के उज्जैन तक की यात्रा प्रमुख रूप से आगामी वर्ष में कार्य योजना तैयार कर प्रारंभ की जावेगी। दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन समारोह का शुभारंभ राष्ट्रीय संयोजक सुनील शर्मा, तीर्थ पुरोहित महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनंत दत्तात्रेय जोशी, नासिक त्रंबकेश्वर डॉ. प्रयागनाथ चतुर्वेदी, महामंत्री  दिल्ली प्रांत अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल, राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र बिंदल, राष्ट्रीय मंत्री सुरेंद्र चतुर्वेदी, डॉ आशा गुप्ता आदि ने राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया। तीर्थ पुरोहित महासंघ के मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यक्ष मनीष उपाध्याय, धर्मयात्रा महासंघ के प्रांताध्यक्ष अशोक कोटवानी, उपाध्यक्ष राहुल व्यास, अरविंद उपाध्याय, गौरव उपाध्याय, अनोखीलाल शर्मा, सीपी जोशी, अभिजीत दुबे, पुरुषोत्तम शर्मा, स्वप्निल मेहता, चक्रवर्ती जोशी, यश जोशी, उत्तम दुबे, राजेंद्र बंटी शर्मा, शैलेंद्र द्विवेदी, हेमंत शास्त्री, विजय त्रिवेदी, धर्मेंद्र चतुर्वेदी, सुनील मेहता, रजनी कोटवानी आदि ने आए हुए सभी प्रतिनिधियों का सम्मान किया। अधिवेशन समापन के पूर्व कांची कामकोटि पीठ के दिवंगत शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वतीजी तथा मोन तीर्थ के संस्थापक प्रसिद्ध तांत्रिक गुरु मोनी बाबा के जीवन पर तीर्थ पुरोहित एवं धर्माधिकारी श्री नारायण उपाध्याय ने प्रकाश डालते हुए दोनों दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संचालन राष्ट्रीय मंत्री धर्मयात्रा महासंघ सुरेंद्र चतुर्वेदी ने किया। 

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