10 एवं 11 मार्च को होगा धर्मयात्रा महासंघ एवं तीर्थ पुरोहित महासंघ का राष्ट्रीय अधिवेशन
अधिवेशन को मूर्त रूप देने हेतु हुआ बैठक का आयोजन-बारह समितियां बनाकर किया कार्य विभाजन
उज्जैन। नृसिंह घाट स्थित लक्ष्मी वेंकटेश आश्रम पर धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई जिसमें 10 तथा 11 मार्च को महाकाल प्रवचन हॉल में होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन के संबंध में चर्चा की गई साथ ही आयोजन हेतु विभिन्न बारह समितियां बनाकर कार्य विभाजन किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री पं.सुरेन्द्र चतुर्वेदी, प्रदेश अध्यक्ष धर्मयात्रा महासंघ अशोक कोटवानी, तीर्थ पुरोहित महासंघ प्रांतीय अध्यक्ष मनीष उपाध्याय, नगर अध्यक्ष उत्तम दुबे, पप्पु शर्मा, गोपाल जोशी, शैलेन्द्र द्वेवेदी, विजय त्रिवेदी, लक्ष्मीनारायण शास्त्री, रजनी कोटवानी, प्रेरणा मनाना, सुक्रति व्यास, पं. राहुल व्यास, सचिन नागर, गौरव उपाध्याय, पं. अभिजीत दुबे आदि को विभिन्न समितियों का दायित्व दिया गया। धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री पं. सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि इस राष्ट्रीय बैठक में धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासंघ के संपूर्ण भारतवर्ष के सभी प्रांतों के लगभग 200 प्रतिनिधि शामिल होंगे, साथ ही तीर्थ पुरोहित महासंघ उज्जैन के सभी तीर्थ पुरोहित एवं मंदिरों के पुजारी भी 10 मार्च को प्रातः 10.30 बजे से प्रारंभ होने वाले खुले अधिवेशन में शामिल होंगे। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का उद्घाटन महामंडलेश्वर अतुलानंद सरस्वती, आचार्य शेखर की पावन उपस्थिति तथा सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य, राजेंद्र पंकज राष्ट्रीय महामंत्री विश्व हिंदू परिषद के विशेष आतिथ्य में तथा मांगेराम गर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मयात्रा महासंघ नई दिल्ली की अध्यक्षता में प्रारंभ होगा। राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित सभी प्रतिनिधि तीर्थों के विकास एवं देश के सभी प्रांतों में तीर्थों पर धार्मिक श्रद्धालुओं का पर्यटन विकसित हो, इस हेतु सरकार सजग होकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु और तीर्थों के विकास हेतु नीति बनाएं तथा तीर्थों पर उपलब्ध नदियों का स्वरूप और अधिक विकसित होकर तीर्थों पर नदियां प्रवाहमान रहे तीर्थों के सरोवर स्वच्छ एवं विकसित हो इस प्रकार के सभी विचारों का मंथन उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों तथा केंद्र सरकार से सरकार में धार्मिक तीर्थाटन मंत्रालय अलग से मंत्रिमंडल में बनाए जाने की मांग भी की जावेगी। धर्मयात्रा महासंघ तथा तीर्थ पुरोहित महासंघ की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी के विलुप्त स्वरूप पर चिंता व्यक्त करते हुए इस ज्योतिर्लिंग पर नर्मदा नदी का बहाव पूर्ववत हो तथा बांध बंधने के कारण नदी का प्रवाह जो रोका गया है उसे पुनः पूर्व के स्वरुप में किया जाए ऐसा भी प्रस्ताव रखा जावेगा। दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में सभी राष्ट्रीय एवं प्रांतीय प्रतिनिधियों का गुरूवार से उज्जैन में आगमन शुरु हो चुका है।