केवल दलितों को दीक्षा देकर ब्राह्मण क्यों बनाता है इस्कॉन
उज्जैन। देश के इस्कॉन मंदिरों से जुड़े लोग दलितों को हरिनाम दीक्षा व ब्राह्मण दीक्षा देकर ब्राह्मण बनाकर उन्हें उच्चकोटि का बनाया जाता है। यह इसलिए किया जाता है कि दलित दीक्षित होकर भगवान का भजन, पूजन अच्छी तरह से कर सके ऐसा इस्कॉन मंदिर के संचालन करने वालों का कहना है।
महाकाल सेना व युवा ब्राह्मण समाज के प्रमुख महेश पुजारी ने एक पत्र इस्कॉन मंदिर के पं. राघवदास को पुनः लिखकर स्पष्ट करने को कहा है कि इस्कॉन मंदिर द्वारा केवल दलितों को दीक्षा देकर ब्राह्मण ही क्यों बनाया जाता है। दलितों को वैश्य व क्षत्रिय बनाने की दीक्षा क्यों नहीं दी जाती। ऐसा प्रतीत होता है कि इस्कॉन मंदिर व उनके संचालकों की नजर में दो ही वर्ण हैं केवल दलित और ब्राह्मण इसलिए दलितों को दीक्षित कर ब्राह्मण बनाते हैं। इस्कॉन मंदिर वेद और पुराणों में जो परंपरा चार वर्ण की है उसे ही समाप्त कर रहा है। यदि यह सत्य है तो इस्कॉन मंदिर वैश्य वर्ण और क्षत्रिय वर्ण का अपमान करता है। इस गलत नीति का ब्राह्मण समाज विरोध करता है तथा इसके विरोध में संपूर्ण देश में आंदोलन करेगा जिसकी जवाबदारी इस्कॉन मंदिर की होगी।