समानता आंदोलन को गति देने हेतु की प्रदेश सहसंयोजकों की नियुक्ति
उज्जैन। मध्यप्रदेश में जातिगत आरक्षण के विरोध में प्रारंभ किए गए समानता आंदोलन को गति देने के लिए प्रदेश सहसंयोजकों की नियुक्ति की गई। शीघ्र ही उज्जैन, इंदौर एवं भोपाल संभाग के विभिन्न जिलों में जिला संयोजक एवं विधानसभा प्रभारियों की भी नियुक्ति की जाएगी एवं पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन प्रारम्भ किये जायेंगे।
समानता आंदोलन के संस्थापक संयोजक यशवंत अग्निहोत्री ने बताया कि समानता आंदोलन को गति देने हेतु मध्यप्रदेश में प्रदेश सहसंयोजको की नियुक्ति की गई है जिसमें सुनील गुप्ता भोपाल, अपेक्षा शुक्ला उज्जैन, विजय जाट इंदौर, दिनेश दुबे नागदा जंक्शन, पारसचंद्र जैन एडवोकेट आगर-मालवा, योगेंद्र कोशिक उज्जैन, अखिलेश झा नीमच एवं पं. राजेश व्यास एड. उज्जैन को प्रदेश सहसंयोजक बनाया गया है तथा सभी सहसयोंजको को उज्जैन संभाग के विभिन्न जिलों का प्रभारी भी मनोनीत किया गया है।
यशवंत अग्निहोत्री ने बताया कि आरक्षण का मूल उद्देश्य समाज के पिछड़े तबके को मुख्यधारा में लाना था ना की सवर्ण समाज को उनके अधिकारों से वंचित करना। आरक्षण की आग में सामान्य वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों की योग्यता को जला दिया गया है और आरक्षण के मूल उद्देश्य को ही समाप्त कर दिया गया है। आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो सके और देश में समान अवसर सभी वर्गों को प्राप्त हो सके इस उद्देश्य को लेकर ही ’समानता आंदोलन’ प्रारंभ किया गया है।
समानता आंदोलन’ की मांगे
1. आरक्षित वर्ग में जिसे एक बार आरक्षण का लाभ मिल गया है उसके बच्चों को आरक्षण की सूची से बाहर किया जाए
2. पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किया जाए
3.आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को भी आरक्षण दिया जाए 4. सामान्य वर्ग के बच्चों को भी निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो
4. सामान्य वर्ग के लिए भी स्वरोजगार की योजना प्रारंभ की जाए
5. निर्वाचन प्रक्रिया में अनारक्षित सीट को सामान्य सीट घोषित की जाए
6.शासकीय नौकरी एवं प्रतियोगी परीक्षा में जो जिस वर्ग में फार्म भरे वह उसी वर्ग में नौकरी या आरक्षण प्राप्त करें वह सामान्य वर्ग की सीट पर कब्जा न करें
7. कृषि क्षेत्र में योजनाओं का लाभ जाति की जगह जौत (जमीन) पर आधारित हो
8. एट्रोसिटी कानून में भी बदलाव किया जाए