मौनी बाबा का निधन, पूणे से आएगा शव, कई वीवीआईपी के आने की संभावना
Ujjain @ तपस्पी मौनी बाबा का निधन हो गया है। वे पुणे के एक अस्पताल में भर्ती थे। पिछले 6 माह से उनका उपचार चल रहा था। उनकी पार्थिव देह शनिवार शाम को हेलिकाप्टर से इंदौर लाई जाएगी, जहां से मौन तीर्थ उज्जैन लाया जाएगा। यहां भक्तों के दर्शनार्थ उनकी पार्थिव देह को रखा जाएगा।
संतश्री मौनी बाबा का उज्जैन के मंगलनाथ में आश्रम है। वे 27 सालों तक अपने आश्रम में रहने के बाद पिछले साल ही भक्तों से मिलने आए थे। शिप्रा किनारे गंगा घाट मौनतीर्थ पर सभी को दर्शन देने वे भक्तों के सामने आए थे। सभी एक तपस्वी संत मौनी बाबा के दर्शन पाने को आतुर थे। वैसे तो बाबा अवसर विशेष पर भक्तों के बीच आते ही हैं, लेकिन इसके लिए समय लेने के साथ इंतजार करना पड़ता था।
मौनी बाबा उस समय चर्चाओं में आए थे जब उनके अर्जुन सिंह के साथ रिश्ते गहरे नजर आने लगे थे। अर्जुन सिंह विरोधियों को तो यह भी कहते थे कि सिंह मोनी बाबा के जरिए यज्ञ हवन और तंत्र-मंत्र विद्या का सहारा लेते है। उन्होंने गुप्त साधुओं, अघोरियों और तांत्रिकों को भी साध रखा था। वैसे राजनीतिक गलियारों में एक-दूसरे के विरुद्ध अफवाहें हमेशा चलती रहती थीं। लोग यहां तक कहते थे कि अर्जुन सिंह और उनकी पत्नी ने तो उन्हें अपना गुरु मान लिया था। 'अर्जुन सिंह-एक सहयात्री इतिहास का' किताब में इन बातों का उल्लेख मिलता है। अर्जुन सिंह, उनकी पत्नी, तत्कालीन सांसद अजीत जोगी समेत कई नेता मौनी बाबा के मुरीद हो गए थे।