दिव्यांगों की दिव्य है बात, होली पर मिली बड़ी सौगात बनेंगे आत्मनिर्भर लेकर आधुनिकता का साथ
जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का भव्य शुभारम्भ, देश की पहली अत्याधुनिक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उज्जैन में चलाई गई, केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत, ऊर्जा मंत्री श्री जैन सहित कई गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए
उज्जैन | होली के अवसर पर उज्जैन जिले के दिव्यांगजनों को एक बहुत बड़ी सौगात शासन द्वारा दी गई है। गुरूवार को जिला चिकित्सालय परिसर में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत के मुख्य आतिथ्य में पं.दीनदयाल उपाध्याय जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का शुभारम्भ कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने की। इस अवसर पर देश की पहली अध्याधुनिक एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस एवं दिव्यांगों तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिये मोबिलिटी वेन/एम्बुलेंस की शुरूआत भी अतिथियों का द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई।
इस अवसर पर लोकसभा सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय, उज्जैन दक्षिण विधायक डॉ.मोहन यादव, तराना के विधायक श्री अनिल फिरोजिया, घट्टिया के विधायक श्री सतीश मालवीय, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष श्री दिवाकर नातू, यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, मप्र फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष श्री ओम जैन, नगर निगम अध्यक्ष श्री सोनू गेहलोत, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक अध्यक्ष श्री किशनसिंह भटोल, श्री श्याम बंसल, श्री इकबालसिंह गांधी, श्री पंकज मारू, श्री अशोक प्रजापत, समस्त आनन्दक, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप जीआर, श्रीमती शैली कनास, सीएमएचओ डॉ.व्हीके गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया एवं अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
अतिथियों द्वारा शुभारम्भ कार्यक्रम के मौके पर ''''दिव्यांगजनों के बुलन्द हौसले'''' पर आधारित शरद श्रीवास्तव की आकर्षक छायाचित्र प्रदर्शनी का भी फीता काटकर उद्घाटन किया गया। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा नवनिर्मित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र में जाकर फिजियोथैरेपी कक्ष, यूडीआईडी कक्ष, सायकलॉजिस्ट कक्ष, स्पीच थैरेपी, ऑडियोमेट्री कक्ष तथा पीएण्डओ कक्ष का भी अवलोकन किया गया। मंत्री श्री पारस जैन ने स्वयं फिजियोथैरेपी कक्ष में लगी व्यायाम की मशीनों को चलाकर देखा।
कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों द्वारा आकर्षक रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। प्रेम ज्योति छात्रावास के बच्चों द्वारा मध्य प्रदेश गान प्रस्तुत किया गया। अतिथियों द्वारा नवाचार करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को फलों की टोकरियां भी बच्चों में वितरण हेतु भेंट की गई।
कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र की स्थापना जिला चिकित्सालय के पीछे किये जाने के पीछे प्रमुख उद्देश्य यह था कि यहां हर समय चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं और डीडीआरसी मेडिकल बोर्ड का एक बहुत बड़ा भाग होता है, अत: दिव्यांगजनों को सभी स्वास्थ्य सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जा सके। इस केन्द्र को 30 लाख रूपये से अधिक की लागत से तैयार किया गया है और 30 लाख रूपये के विभिन्न उपकरण शिविर में दिव्यांगों के लिये उपलब्ध कराये गये हैं। जिले में गांव-गांव में जाकर हमारी मेडिकल टीम ने दिव्यांगजनों के लिये कार्य किया है। आज से अत्याधुनिक तकनीक से लेस दो वाहन भी शुरू किये जा रहे हैं।
अत्याधुनिक एम्बुलेंस की मदद से दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाने के दौरान रास्ते में एम्बुलेंस में ही तुरन्त प्राथमिक चिकित्सा और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। इससे उन नाजुक पलों में कई लोगों को बचाया जा सकेगा। इस अत्याधुनिक एम्बुलेंस की लागत 25 लाख रूपये है, जो कि सांसद निधि से उपलब्ध कराई जा रही है। कलेक्टर ने इस हेतु केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत का आभार व्यक्त किया। कलेक्टर ने कहा कि कुल मिलाकर 111 लाख रूपये की सौगात आज दिव्यांगजनों को प्राप्त हुई है। पिछले डेढ़ वर्षों में दिव्यांगजनों एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र में किये गये विशिष्ट कार्यों और उपलब्धियों के बारे में भी कलेक्टर ने मंच के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिव्यांग पार्क का निर्माण कार्य भी बहुत तेज गति से चल रहा है। शीघ्र ही उसे पूर्ण कर लिया जायेगा। कलेक्टर ने स्वास्थ्य एवं सामाजिक न्याय विभाग की टीम को अच्छे कार्य के लिये बधाई दी।
मुख्य अतिथि श्री थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि भारत सरकार की आकांक्षा यही है कि देश के सभी जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों की स्थापना की जाये, ताकि दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण हो सके। देश में लगभग 250 जिलों में पुनर्वास केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उज्जैन में दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र पहले से स्थापित था। इसे सुव्यवस्थित करने का बेहतरीन प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। पुनर्वास केन्द्रों में कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई है और उनके वेतनमान में भी वृद्धि की गई है। इस केन्द्र में दिव्यांगजनों की विभिन्न समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जायेगा। दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में पूरी दुनिया के समक्ष भारत सरकार ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इसी दिशा में पांच गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड भी दर्ज किये गये हैं।
मंत्री श्री गेहलोत ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिये यूनिवर्सल आईडेंटिटी कार्ड भी बनाये जा रहे हैं, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होंगे। देश के 24 प्रदेशों में यह काम प्रारम्भ हो गया है। इनमें से 11 प्रदेश ऐसे हैं, जो इस कार्य में अग्रणी हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि 11 अग्रणी राज्यों में मध्य प्रदेश सभी में अव्वल है। मध्य प्रदेश में दो लाख से अधिक दिव्यांगजनों के यूनिवर्सल आईडी कार्ड बन चुके हैं। दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये और उनमें स्वरोजगार की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रशिक्षण भी समय-समय पर दिया जा रहा है। ऐसे बच्चे जो पांच से छह साल के हैं और मूक-बधिर हैं, उन्हें कॉपरेल इप्लांट की सुविधा भी मुहैया कराई जायेगी। अभी तक 1100 से अधिक बच्चे इससे लाभान्वित हो चुके हैं। इसमें छह लाख रूपये का अनुदान भी दिया जाता है।
श्री गेहलोत ने जानकारी दी कि आगामी समय में भोपाल में भारत का पहला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का मानसिक पुनर्वास केन्द्र भी बनाया जायेगा। इसकी लागत कुल 150 करोड़ रूपये होगी। इस दिशा में कार्य योजना बनाई जा रही है। उज्जैन में भी एलिम्को की शाखा शीघ्र ही शुरू की जायेगी। लगभग 100 करोड़ रूपये की लागत से एलिम्को की शाखा विकसित की जायेगी, जिसमें कई कर्मचारी काम करेंगे। इस शाखा में मोटराईज्ड ट्रायसायकल, व्हील चेयर, छड़ी आदि प्रमुख उपकरण सामग्री बनाई जायेगी। इस शाखा के बन जाने के बाद पश्चिम क्षेत्र में यहीं से उपकरण सप्लाई किये जायेंगे। इससे भाड़े और समय दोनों की बचत होगी। मंत्री श्री गेहलोत ने आमजन से अपील की कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में जन-भागीदारी भी उतनी ही जरूरी होती है, इसलिये आमजन भी इसमें सहभागिता करें। नये पुनर्वास केन्द्र की स्थापना पर उन्होंने शुभकामनाएं दी।
ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने कहा कि दिव्यांगजनों के लिये निरन्तर नई सौगातें सामाजिक न्याय विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके लिये केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत बधाई के हकदार हैं। दिव्यांगों की सेवा से ईश्वर भी प्रसन्न होते हैं। आज से अत्याधुनिक एम्बुलेंस की भी शुरूआत की गई है। इससे विकट परिस्थितियों में घायलों का प्राथमिक उपचार किया जा सकेगा और उनके अमूल्य जीवन की रक्षा हो सकेगी। मंत्री श्री जैन ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सालय में भी स्वेच्छानुदान मद से फिजियोथैरपी सेन्टर की स्थापना की गई है। चरक अस्पताल में भी सभी आधुनिक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। स्वास्थ्य की दिशा में उज्जैन में काफी प्रगति हुई है। पहले गंभीर स्थिति में रोगियों को इन्दौर रैफर किया जाता था, लेकिन अब यहां भी सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। मंत्री श्री जैन ने कहा कि आने वाले समय में उज्जैन में मेडिकल कॉलेज बनवाये जाने के भी पूरजोर प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने आमजन से अपील की कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में अपना हरसंभव सहयोग प्रदान करें। नये पुनर्वास केन्द्र की मंत्री श्री जैन ने सभी को बधाई दी।
सांसद प्रो.चिन्तामणि मालवीय ने उज्जैन की जनता की ओर से केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मंत्री श्री गेहलोत ने उज्जैन लगातार कई सौगातें और उपलब्धियों से नवाज़ा है। हमारा प्रयास था कि उज्जैन का औद्योगिक विकास हो। इसी का परिणाम है कि हाल ही में तीन से चार अच्छे उद्योग उज्जैन में प्रारम्भ हुए हैं। एलिम्को का जबलपुर के बाद दूसरा बड़ा कारखाना उज्जैन में विकसित होगा। भारत सरकार ने कई और भी निर्णायक कार्य जनता की तरक्की और सुखद जीवन के लिये किये हैं। सरकार द्वारा संवेदनशीलता का भाव रखते हुए जनता के उत्थान के लिये निरन्तर प्रयास जारी हैं। अत्याधुनिक एम्बुलेंस से नाजुक और सबसे कीमती समय में घायलों को बचाया जा सकेगा। सांसद ने नई सौगातों के लिये सभी को अपनी ओर से शुभकामनाएं दी।
विधायक डॉ.मोहन यादव ने कहा कि सुशासन की दिशा में हम निरन्तर गतिशील हैं। नवीन पुनर्वास केन्द्र से वाकई नि:शक्तजनों को कई अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। आने वाले समय में एलिम्को के द्वारा उज्जैन में कृत्रिम अंगों एवं उपकरणों के निर्माण के लिये इकाई स्थापित किये जाने से उज्जैन की ख्याति और प्रसिद्धि और बढ़ेगी।
कार्यक्रम के पश्चात अतिथियों द्वारा मंच से दिव्यांग प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया और दिव्यांगजनों को सांकेतिक रूप से कॉक्लियर प्रदान किये गये। तराना के अर्जुन और दृष्टिबाधित घनश्याम बैरागी को मुख्यमंत्री शिक्षा अनुदान योजना के अन्तर्गत विशेष तकनीक से निर्मित लेपटॉप प्रदाय किया गया। प्रेमज्योति के छात्र सुजल, संतोष, राजपाल, आनन्द, कन्हैयालाल, धर्मेन्द्र, उज्ज्वल, आकाश, राकेश को भी उपकरण प्रदाय किये गये। शासकीय मानसिक रूप से अविकसित छात्रावास के आकाश और ओमप्रकाश को ब्रेल किट प्रदाय की गई। अंकित, गिरधारी और संजय को प्रतीकात्मक रूप से यूडीआईडी कार्ड प्रदाय किये गये। काफी समय से चिकित्सालय में नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाने पर उज्जयिनी सेवा समिति को प्रशस्ति-पत्र प्रदाय किया गया।
मंत्री श्री थावरचन्द गेहलोत ने मंच से दृष्टिबाधितों के लिये बनाई गई आधुनिक छड़ी का भी प्रदर्शन किया। बताया गया कि इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाये गये हैं, जो आसपास के तीन मीटर के दायरे में किसी भी वस्तु के आने पर अपने आप कंपन करती है। दिव्यांगजनों के लिये विशिष्ट कार्य करने वाले फादर जोस का सम्मान भी अतिथियों द्वारा किया गया।