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दूरस्थ अंचलों में मोबाइल लैब से होगा विज्ञान का प्रचार-प्रसार


उज्जैन । प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में मोबाइल लैब के माध्यम से विज्ञान का
प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके माध्यम से विद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों सहित
आमजन को नित नई हो रही खोजों की जानकारी दी जायेगी। राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री
श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
श्री गुप्ता ने बताया कि म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट) द्वारा स्वीकृत की
जाने वाली रिसर्च स्कॉलरशिप भी बढ़ाई जाएगी। उज्जैन तारामण्डल परिसर में उप-क्षेत्रीय विज्ञान
केन्द्र, वराहमिहिर वेदशाला ग्राम डोंगला जिला उज्जैन में हॉस्टल एवं रहवासी आवास निर्माण और
औबेदुल्लागंज में टिश्यू कल्चर लैब के नवीनीकरण करवाने का भी निर्णय लिया गया है। परिषद के
अधिकारी-कर्मचारियों को नियमानुसार सातवें वेतनमान का लाभ भी दिया जाएगा।

डिस्टिंगविश्ड फेलोशिप

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा डिस्टिंगविश्ड फेलोशिप योजना में तीन
फैलोशिप दी जाएगी। भौतिकी/रसायन के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये सर सी.वी. रमन, जैव-प्रौद्योगिकी
एवं जैव-विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये आचार्य जे.सी. बोस और कृषि/जैविक खेती/जल तथा
सिंचाई के क्षेत्र में अनुसंधान के लिये डॉ. आर.एल. रिछारिया फैलोशिप दी जायेगी। आवेदक को उसकी
नियमित आय के अतिरिक्त 2 वर्ष तक प्रति माह 50 हजार रुपये दिये जायेंगे। इसके अतिरिक्त फैलो
को ढाई लाख रुपये प्रति वर्ष अनुदान राशि दी जायेगी। फैलोशिप के लिये विज्ञापन के माध्यम से
आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे।

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