नगरीय निकाय 25 प्रतिशत ऑडिट आपत्तियों का निराकरण 31 मार्च तक करें –संभागायुक्त
उज्जैन । संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने संभाग के सभी नगरीय निकायों के मुख्य
अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे स्थानीय निधि संपरीक्षा की लम्बित ऑडिट कंडिकाओं का निराकरण
गंभीरतापूर्वक करें। उन्होंने कहा है कि 31 मार्च तक सभी नगरीय निकाय बकाया ऑडिट आपत्तियों में से 25
प्रतिशत ऑडिट आपत्तियों का निराकरण करें।
संभागायुक्त ने कहा है कि सभी नगरीय निकाय के लेखा अधिकारी एवं लिपिक ऑडिट आपत्तियों को
सूचीबद्ध करेंगे तथा ऐसी आपत्तियों की पहचान करेंगे जो हर बार दर्ज की जाती है। इस तरह आपत्ति उठने के
पूर्व ही सम्बन्धित मामलों में निराकरण की पहल की जा सकेगी। संभागायुक्त ने साथ ही गंभीर ऑडिट
आपत्तियों में निहित उत्तरदायी अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्यवाही करने को कहा है।
संभागायुक्त ने संपरीक्षा शुल्क की बकाया राशि का 50 प्रतिशत भाग 31 मार्च के पूर्व जमा करने के निर्देश दिये
हैं।
संभागायुक्त ने कहा है कि जिन बड़े नगरीय निकायों में रेसिडेंट ऑडिट लागू है, वहां पर नगर निगम,
विकास प्राधिकरण, नगर पालिकाएं, मंडियों आदि में प्रतिदिन कम से कम एक घंटे का समय लम्बित आपत्तियों
के निराकरण की कार्यवाही को दिया जाये। संभागायुक्त ने साथ ही निर्देश दिये हैं कि स्थानीय निकाय में
कर्मचारियों को भविष्य में सातवे वेतन का लाभ प्रदान किये जाने को दृष्टिगत रखते हुए छटवे वेतन का
सत्यापन अनिवार्य रूप से संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा से करवा लिया जाये। इससे बाद में अधिक
भुगतान, त्रुटिपूर्ण भुगतान एवं ब्याज वसूली की कार्यवाही से बचा जा सकेगा।