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सब्जी एवं फल प्रसंस्करण से बरकरार रहती है न्यूट्रीशन वेल्यू



कल्याणपुरा में सब्जी-फल परिरक्षण का प्रशिक्षण दिया गया

उज्जैन । कृषि विज्ञान केन्द्र उज्जैन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से न्यूट्री स्मार्ट विलेज के अंतर्गत उज्जैन विकास खण्ड से चयनित ग्राम कल्याणपुरा में “सब्जी एवं फलों में प्रसंस्करण से मूल्य संवर्धन विषय पर पांच दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ.रेखा तिवारी ने फलों एवं सब्जियों के पोषक तत्वों को बरकरार रखते हुए विभिन्न परिरक्षित प्रोडक्ट की विधियां बताईं। साथ ही “देखकर करो, करके सिखो” इसके अंतर्गत सभी महिलाओं की सहभागिता से विभिन्न सब्जियों को परिरक्षित करने की विस्तृत विधियां भी बताईं। इसके अलावा इमली का शरबत, टोमेटो कैचप, पपीता कैंडी तथा नीबू का विशेष अचार (घौलिया नीबू) आदि भी बनाये गये। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी श्री सीएल.पासी ने लाभांवित महिलाओं को कुपोषण दूर करने के लिये प्रशिक्षण में सिखाये गये विभिन्न प्रोडक्टों को व्यावसायिक स्तर पर अपनाने के लिये प्रेरित किया।

व्यवसायिक प्रशिक्षण की विशेषताएं
कृषि विज्ञान केन्द्र तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से चयनित ग्राम कल्याणपुरा के
कुपोषित परिवारों को प्राथमिकता दी गयी। लाभान्वित महिला प्रशिक्षणार्थियों को संस्था के समन्वित खेती के अंतर्गत विभिन्न ईकाईयों का भ्रमण करवाया गया, जिसमें फसल संग्रहालय, डेयरी यूनिट, वर्मी यूनिट, बायो गैस यूनिट, फल उद्यान, ग्रीन हाउस, पोषक वाटिका, वर्षा जल संग्रहालय, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला तथा टैक्नोलॉजी गेट वॉल्व आदि शामिल हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण में स्थानीय फलों एवं सब्जियों को प्रधानता देते हुए विलुप्त हो रही पारंपरिक परिरक्षित विधियों को संरक्षित करने का प्रयास किया गया। जैविक खेती को बढावा देने हेतु जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशक के बारे में भी बताया गया। पांच दिवसीय कार्यक्रम में कुल 19 महिलायें लाभान्वित हुईं। लाभान्वित प्रशिक्षणार्थियों को सब्जियों के पौधे वितरित किये गये। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.आरपी. शर्मा ने प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए व्यवसायिक प्रशिक्षण में सिखाये गये विभिन्न परिरक्षित प्रोडक्टों को समूह के माध्यम से आय के स्त्रोत बनाने के लिये प्रेरित किया, साथ ही संस्था द्वारा महिलाओं के हित में अन्य व्यवसायिक प्रशिक्षण भविष्य में भी आयोजित किये जाने की बात कही।
संस्था के वैज्ञानिक डॉ.डी.एस.तोमर ने महिलाओं के सशक्तिकरण में कृषि के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की गयी। डॉ.एस.के.कौशिक, वैज्ञानिक ने महिलाओं को आर्थिक सबलता के विभिन्न स्त्रोत के बारे में विस्तृत से बताया जिसमें “सब्जियों के बीज” बनाने के लिये भी प्रेरित किया। श्री डी.के.सूर्यवंशी, वैज्ञानिक ने महिलाओं को सरल विधियों को अपनाकर खेती में कीट नियंत्रण कैसे करें इस विषय पर जानकारी दी। इस कार्यक्रम में पर्यवेक्षक श्रीमती अल्पना शर्मा एवं श्रीमती हितेशा गोरे, साथ ही आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती प्रितकुवंर सहायिका, श्रीमती सुनीता का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम संचालन संस्था के वैज्ञानिक श्री हंसराज जाटव तथा आभार प्रदर्शन श्री राजीव गुप्ता (सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग ने सफलतापूर्वक किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के समस्त कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।

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