उज्जैन संभाग में 5 लाख 71 हजार हेक्टेयर उद्यानिकी फसलों का रकबा
उज्जैन । उज्जैन संभाग के सभी जिलों में उद्यानिकी फसलें बड़े पैमाने पर ली जा रही हैं। संभाग में फल, सब्जी, मसाला, औषधिय एवं पुष्प की फसलें पांच लाख 71 हजार 64 हेक्टेयर में ली जा रही हैं। फलोद्यान में आगर-मालवा संभाग में सबसे आगे है। यहां पर सन्तरा, नींबू, आलू, प्याज आदि की पैदावार 54 हजार 915 हेक्टेयर में की जा रही है।
उप संचालक उद्यानिकी श्री पीएस कनेल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन संभाग का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 33 लाख 55 हजार 805 हेक्टेयर है। इसमें से उद्यानिकी फसलें पांच लाख 71 हजार 64 हेक्टेयर में ली जा रही हैं। संभाग के सभी सातों जिलों में एक लाख 16 हजार 373 हेक्टेयर में फल, एक लाख 70 हजार 250 हेक्टेयर में सब्जी, दो लाख 42 हजार 594 हेक्टेयर में मसाला, 30 हजार 848 हेक्टेयर में औषधिय फसलें तथा 10 हजार 997 हेक्टेयर में फूलों की खेती की जा रही है। उज्जैन संभाग का नीमच एवं मंदसौर जिला औषधिय फसलों के उत्पादन में अग्रणी है। प्रदेश में होने वाली औषधिय फसलों के रकबे का कुल 76 प्रतिशत हिस्सा उज्जैन संभाग में आता है। उल्लेखनीय है कि संभाग की प्रमुख उद्यानिकी फसलों एवं फलों में मुख्य सन्तरा, अमरूद, नींबू, आलू, प्याज, मटर, लहसुन, धनिया, अश्वगंधा, ईसबगोल, सफेद मूसली, गेंदा एवं गुलाब हैं।