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उद्यानिकी फसलों से किसानों को दोगुनी आय होगी



उद्यानिकी फसलों में वैरायटी का विशेष ध्यान दिया जाये
प्रमुख सचिव उद्यानिकी श्री वर्णवाल ने संभागीय समीक्षा की

उज्जैन । उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के प्रमुख सचिव श्री एके
वर्णवाल ने सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में उद्यानिकी विभाग की कार्य योजनाओं पर आधारित संभागीय समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उद्यानिकी फसलों का अधिक से अधिक क्षेत्र विस्तार किया जाये। किसानों से उद्यानिकी खेती में फसलों की वैरायटी पर विशेष ध्यान देने को कहा जाये। अच्छी किस्म की उद्यानिकी फसलें होंगी तो आय में वृद्धि होगी। अपने-अपने जिले की उद्यानिकी फसलों को निर्यात भी किया जाये, जिससे जिले का नाम रोशन हो सके। बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि उद्यानिकी की संभागीय समीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य कृषकों की आय दोगुनी करना और क्षेत्रवार प्रमुख फसलों का चयन किया जाना है।
बैठक में प्रमुख सचिव ने कहा कि उद्यानिकी उपज का समुचित उपयोग हो। जो उत्पाद
खराब हो जाता है, उसे खराब होने से बचाया जाये और किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने हेतु उन्हें प्रेरित किया जाये। बैठक में निर्देश दिये कि जिले की चयनित फसलों का क्षेत्र विस्तार किया जाये।  क्लस्टर में फसलवार क्लस्टर तैयार करें, ताकि क्रेता सीधे कृषकों से उनका उत्पाद खरीद सकें और कृषकों को उपज का वाजिब दाम मिल सके। चयनित फलों का क्लस्टर में रोपण किया जाये। प्रति हेक्टेयर 1100 पौधों का रोपण किया जाये और साथ ही प्रसंस्करण में उपयोग होने वाली किस्मों का किसानों से रोपण करवाया जाये, जिलों में उद्यानिकी उपज की भण्डारण क्षमता में वृद्धि की जाये।
किसानों से प्रसंस्करण इकाई स्थापित कराई जाये तथा उत्पादकता वृद्धि के लिये हाईटेक हार्टिकल्चर का उपयोग किया जाये। श्री वर्णवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को सूक्ष्म सिंचाई योजना, ड्रिप, कल्टीवेशन एवं केनोपी मैनेजमेंट जैसी नवीन तकनीकी को बढ़ावा देने तथा वर्षा जल संग्रह की ओर प्रोत्साहित किया जाये। किसानों को फसलों में फार्मपॉण्ड प्लास्टिक लाइनिंग का उपयोग बढ़ाने हेतु प्रेरित किया जाये, जिससे ग्रीष्मकाल में भी उद्यानिकी फसलों की खेती हो सके। बैठक में श्री वर्णवाल ने जिलेवार उद्यानिकी फसलों की समीक्षा की। उन्होंने प्याज भण्डार गृह, आलू कोल्ड स्टोर, इंट्रीगेटेड पैक हाउस, कोल्डचेन, राइपनिंग चेम्बर, कोल्डरूम के साथ किसान बाजार, जैविक खेती पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि
उद्यानिकी फसलों के फसलवार विशेषज्ञ तैयार कराये जायें। इस हेतु शासन स्तर पर देश के प्रसिद्ध
संस्थानों के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। श्री वर्णवाल ने उद्यानिकी अधिकारियों को निर्देश
दिये कि जिले में अधिक से अधिक कृषक उत्पादक संघ गठित किये जाये। जिलों में मास्टर ट्रेनर
तैयार कर कृषकों को उच्च गुणवत्तायुक्त उपज प्राप्त करने के लिये उन्हें प्रेरित किया जाये। ग्रेडिंग
पैकिंग के साथ राज्य के बाहर अपने माल को भिजवाया जाये, ताकि कृषक को उपज का अधिकतम दाम मिल सके। सर्विस प्रोवाइडर को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाये। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासकीय अनुदान का प्रचार-प्रसार कम किया जाकर किसानों को स्वयं के व्यय पर क्षेत्र विस्तार करने हेतु प्रेरित किया जाये। अनुदान सिर्फ फसलोत्तर प्रबंधन, फसल कटाई के बाद भण्डारण, परिवहन, ग्रेडिंग, पैकिंग, कोल्डचेन, कोल्डस्टोर, कोल्डरूम, इंट्रीग्रेटेड पैक हाउस, रेफ्रीजरेटिव वेब एवं बाजार व्यवस्था पर कृषकों को दिया जाता है। इस पर उन्हें अवगत कराया जाये। उन्होंने बैठक में बताया कि अधोसंरचना विकास खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने हेतु नाबार्ड से अनुदान बैंक ऋण पर प्राप्त हो सकेगा।
बैठक में जिलेवार उद्यानिकी फसलों का वर्कप्लान तैयार कर अनुमोदित किया गया। श्री
वर्णवाल ने निर्देश दिये कि अनुमोदित वर्कप्लान को सम्बन्धित जिले की जिला पंचायत की साधारण
सभा में अनुमोदन कराया जाये। आगर-मालवा जिले के अधिकारी को निर्देश दिये गये कि वे अपने
जिले में सन्तरे की खेती पर ज्यादा ध्यान दें और उस खेती में क्या-क्या नई टेक्नालॉजी उपयोग हो
सकती है, उस पर विशेष ध्यान दें।
बैठक में संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, उद्यानिकी विभाग के संचालक श्री सत्यानन्द मिश्रा,
देवास कलेक्टर श्री आशीष सिंह, मंदसौर कलेक्टर श्री ओपी श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर उज्जैन श्री
वसन्त कुर्रे, संयुक्त आयुक्त श्री प्रतीक सोनवलकर तथा संभाग के जिलों के जिला पंचायत के मुख्य
कार्यपालन अधिकारी, समस्त जिलों के उद्यानिकी विभाग के उप संचालक, मालवा फ्रेश के अधिकारी तथा उद्यानिकी विभाग के विकास खण्ड अधिकारी आदि उपस्थित थे। 

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