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फोर्टिफाइड दूध योजना का संभागायुक्त ने किया विधिवत शुभारम्भ


अब मिलेगा विटामिन 'ए' एवं विटामिन 'डी' युक्त सांची मिल्क
उज्जैन । उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ अब उपभोक्ताओं को फोर्टिफाइड सांची दूध उपलब्ध
कराएगा, जिसमें विटामिन 'ए' तथा 'डी' मिलेंगे। यह दूध पौष्टिक होगा तथा शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को
बढ़ाने के साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकास में सहायक होगा। इस सम्बन्ध में मप्र स्टेट कॉपरेटिव डेयरी
फेडरेशन ने टाटा ट्रस्ट एवं एनडीडीबी के सहयोग से कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज मंगलवार को बृहस्पति भवन में विटामिन 'ए' एवं 'डी' युक्त
फोर्टिफाइड सांची दूध योजना का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ के
अध्यक्ष श्री महेन्द्रसिंह बना तथा संचालक श्री तेजबहादुरसिंह शक्तावत एवं श्री करणसिंह डोंडिया उपस्थित थे।
उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ के सीईओ श्री संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि विटामिन 'ए' एवं 'डी'
घुलनशील विटामिन हैं। जिस दूध में फैट कम होता है, उसमें यह विटामिन नहीं पाए जाते। इसके लिये उज्जैन
दुग्ध संघ द्वारा अपने विभिन्न सांची ब्राण्ड के कम फेट वाले दूध में विटामिन 'ए' एवं 'डी' मिलाया जा रहा है।
ये ब्राण्ड हैं 'सांची चाह', 'सांची शक्ति', 'सांची स्मार्ट', 'सांची ताजा' एवं 'सांची परिवार'।
विटामिन 'ए' एवं 'डी' का फोर्टिफाकेशन दूध में ही क्यों?

दूध सभी आय वर्ग के लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। इन्हें दूध में मिलाने पर रंग एवं स्वाद में
कोई अन्तर नहीं होता है बल्कि दूध रूचिकर बन जाता है। विटामिन 'ए' एवं 'डी' दोनों के एकसाथ दूध में
घुलनशील होने से आसान प्रक्रिया द्वारा फोर्टिफिकेशन संभव होता है।
विटामिन 'ए' की कमी से स्वास्थ्य पर प्रभाव

विटामिन 'ए' की कमी से रतोन्धी (नाइट ब्लाइंडनेस) कम रोशनी में नहीं दिखना, लम्बे समय से कमी
से ड्राय आई, जिससे अन्धत्व भी हो सकता है, रूखी त्वचा, सर्दी एवं वायरल संक्रमण बार-बार होता है, तेजी से
वजन में कमी होता है तथा यूरिनरी ब्लेडर एवं मूत्र नलिका में बार-बार संक्रमण होता है।
विटामिन 'डी' की कमी से स्वास्थ्य पर प्रभाव

विटामिन 'डी' की कमी से हड्डियां कमजोर होना, दांत खराब होना, थकावट, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों
का दर्द, वजन बढ़ना, उच्च रक्तचाप, सिरदर्द, कब्ज, अनिद्रा, आस्टियोपोरोसिस, डिप्रेशन इत्यादि शारीरिक
बीमारियां हो सकती हैं।

फोर्टिफिकेशन से लाभ
स्वस्थ दृष्टि, सुन्दर त्वचा, शरीर के उत्तकों की वृद्धि, शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
यह सम्पूर्ण शारीरिक विकास में सहायक, हड्डियां एवं दांतों के लिए लाभदायक होता है तथा टाइप-2 मधुमेह के
लिए प्रतिरोध क्षमता उत्पन्न करता है।

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