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शिक्षक मनमर्जी से स्कूल की शिफ्ट नहीं बदलें, अधूरे काम 31 मार्च तक पूरे कराये जायें -संभागायुक्त संभागीय समीक्षा बैठक में दिये दिशा-निर्देश


 

उज्जैन । संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने शिक्षा विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक लेकर
निर्देश दिये हैं कि जिले के सभी डीपीसी सुनिश्चित करें कि शिक्षक अपनी सहूलियत के हिसाब से स्कूल को
मॉर्निंग शिफ्ट में न लगायें। जहां आवश्यक हो वहीं स्कूल दो शिफ्टों में लगाये जायें, अन्यथा एक शिफ्ट में ही
स्कूल लगना चाहिये। बृहस्पति भवन उज्जैन में आयोजित बैठक में प्रभारी संयुक्त संचालक श्री संजय गोयल,
संयुक्त आयुक्त विकास श्री प्रतीक सोनवलकर, सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी एवं सर्व शिक्षा अभियान के
परियोजना समन्वयक मौजूद थे।
संभागायुक्त ने बैठक में निर्देश दिये हैं कि स्कूलों का निर्माण यथासंभव आवासीय क्षेत्र के पास किया
जाये। स्थान नहीं होने पर शहरी क्षेत्र में जी प्लस वन भवन निर्मित किये जा सकते हैं। संभागायुक्त ने रतलाम
जिले में अतिरिक्त कक्ष के निर्माण कार्यों में सर्वाधिक कार्य लम्बित होने पर नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश
दिये कि इस माह के अन्त तक सभी अप्रारम्भ कार्य प्रारम्भ हो जाना चाहिये। संभागायुक्त ने बैठक में सभी
जिलों के सेटअप के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा पदस्थ अधिकारियों के बीच समुचित कार्य विभाजन आदेश
जारी करने को कहा है।

छात्रावासों का सतत निरीक्षण करें
संभागायुक्त ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों एवं सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना समन्वयकों को
निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि जिले में संचालित सभी छात्रावासों के वार्डन प्रतिदिन छात्रावास
जायें एवं छात्रों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवायें। उन्होंने अधिकारियों से भी समय-समय पर निरीक्षण
करने एवं छात्रों के साथ अभद्र व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने को कहा है।

शिक्षक नियमित स्कूल पहुंचे

संभागायुक्त ने बैठक में निर्देश दिये हैं कि सभी जिलों के वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी निरन्तर स्कूलों का
आकस्मिक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि शिक्षक स्कूलों में समय पर पहुंचे और पूरे समय मौजूद
रहें। उन्होंने स्कूल से नदारद रहने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने को कहा है। साथ ही कहा है कि
सभी शिक्षक एम शिक्षा मित्र एप को डाउनलोड करें और एसएमएस सिस्टम को एक्टिवेट करें, इससे उनकी
स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकेगी।
बैठक में संभागायुक्त ने विभिन्न जिलों से भवनविहीन शालाओं की जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश
दिये कि किराये के भवन में लगने वाले शासकीय स्कूलों का भवन बनाने के प्रस्ताव भेजे जायें।

प्रत्येक विकास खण्ड में दो-दो मॉडल स्कूल बनायें

संभागायुक्त ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे लीक से हटकर काम करें तथा स्वप्रेरणा
से प्रत्येक विकास खण्ड में दो-दो मॉडल स्कूल तैयार करें। इन स्कूलों में शिक्षा का स्तर एवं छात्रों की दी जाने
वाली सुविधाएं गुणवत्तापूर्ण होना चाहिये। बैठक में जानकारी दी गई कि संभाग में पहली बार स्कूलों के रखरखाव
व मरम्मत के लिये तीन करोड़ 20 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है।
बैठक में बताया गया कि संभाग में माध्यमिक एवं प्राथमिक शालाओं सहित कुल 5223 निर्माण कार्य
स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 5079 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 139 कार्य प्रगतिरत हैं। इसी तरह संभाग में स्वीकृत
किये गये 2437 माध्यमिक शाला भवनों में से 2392 भवन पूर्ण हो चुके हैं। संभाग में कुल 2057 प्राथमिक
शाला भवन स्वीकृत किये गये हैं, इनमें से 2016 के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। संभाग में बाउंड्री वाल 916
विद्यालयों में स्वीकृत हुई है। इसमें से भी 851 स्कूलों में बाउंड्री वाल बनाई जा चुकी है।

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