ओलावृष्टि का सर्वेक्षण सावधानीपूर्वक करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने परख वीसी में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की
उज्जैन । मुख्य सचिव श्री बीपी सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये परख कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की तथा प्रदेश के जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने कहा है कि हाल ही में हुई ओलावृष्टि का सर्वेक्षण सावधानीपूर्वक कराया जाना चाहिये। सर्वेक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाये कि ग्रामीण क्षेत्र में सरपंच एवं पंच जैसे जनप्रतिनिधि अवश्य मौजूद रहें। सर्वेक्षण उपरान्त प्रत्येक ग्राम में तैयार की गई रिपोर्ट की जानकारी ग्रामीणजनों को देने के लिये रिपोर्ट पंचायत में चस्पा की जाये। परख वीसी में उज्जैन एनआईसी से संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, नगर निगम आयुक्त डॉ.विजय कुमार जे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर एवं विभिन्न संभागीय अधिकारी मौजूद थे।
परख वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भावान्तर योजना (रबी) की चर्चा की गई तथा निर्देश दिये गये कि चना, मसूर, सरसो एवं प्याज के लिये किये जा रहे पंजीयन सावधानीपूर्वक किये जायें। इन पंजीयनों का मिलान गेहूं उपार्जन के लिये किये जा रहे पंजीयनों से भी किया जाना आवश्यक है। सभी कलेक्टरों को बताया गया कि भावान्तर भुगतान योजना के पंजीयन में एक बैंक खाते से एक ही पंजीयन किया जायेगा। कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री कौशल योजना में प्रगति लाने तथा मातृ वन्दना कार्यक्रम के तहत 22 फरवरी तक लक्ष्य पूरा करने को कहा गया है। परख कार्यक्रम में प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरूण पाण्डेय ने बताया कि ओलावृष्टि के लिये दी जाने वाली राहत राशि के सम्बन्ध में नवीन सर्कुलर जारी कर दिया गया है। इसके तहत शून्य से दो हेक्टेयर वाले किसानों को सिंचित फसल के लिये 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तथा असिंचित फसल लेने वाले किसानों को 18 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की राहत राशि दी जायेगी। दो हेक्टेयर से अधिक जोत वाले किसानों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर सिंचित फसल के लिये 27 हजार रूपये तथा असिंचित के लिेय 13 हजार रूपये की राहत राशि स्वीकृत की जा सकेगी। शेष मामलों में पूर्व में जारी किये गये आदेश यथावत रहेंगे।
परख में खाद्य विभाग के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के आधार नम्बर समग्र आईडी से जोड़ने के मामले में 31 मार्च तक प्रगति लाने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि वे भिंड जिले में जिस तरह जिला अस्पताल का कायाकल्प किया गया है, उसी तरह अपने-अपने जिलों में भी उपलब्ध संसाधनों से जिला अस्पतालों की स्थिति ठीक की जाये।