प्रसिद्ध मालवी कवि हरीश निगम की बेटी व वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वक्त की पत्नी डॉ. राजी वक्त का आकस्मिक निधन
प्रसिद्ध मालवी कवि हरीश निगम की बेटी व वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वक्त की पत्नी डॉ. राजी वक्त का सोमवार को आकस्मिक निधन हो गया। सोमवार सुबह 10 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली । उद्यन मार्ग स्थित उनके निवास से अंतिम यात्रा दोपहर 1.30 बजे निकाली गई जिसमें बड़ी संख्या में साहित्यकार व गणमान्यजन शामिल हुए। चक्रतीर्थ पर दाह संस्कार में दामाद नितिन द्वारा चिता को मुखग्नि दी गई। मधुमेह से पीड़ित राजी का कुछ वर्षो से इलाज चल रहा था। डॉ. राजी वक्त हिंदी और मालवी की कवयित्री थी। इनकी असामयिक मृत्यु की सूचना ने सभी को मौन कर दिया था। जिसने भी यह दुखद समाचार सूना वह थोड़ी देर के लिए तो स्तब्ध हो गया। डॉ. राजी वक्त एक ऐसी शख्सियत थी जिन्हे लोग काफी पसंद करते थे। उनके आकस्मिक निधन के समाचार की सूचना मिलने पर सोशल मीडिया पर भी लोगों ने शोक संदेश भेजे ।
शोक सभा को संबोधित करते हुए कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि डॉ. राजी वक्त व्यवहार से मृदुभाषी थी उनकी वाणी में भी उतनी ही मिठास थी। उनका जाना हिन्दी और मालवी की एक संघर्षशील सुधि रचनाकार का जाना है। अपने पिता हरीश निगम से मिले मालवी सृजन संस्कारों को न सिर्फ उन्होंने आगे बढ़ाया अपितु आने वाली पीढ़ी को भी यह सृजन संस्कारों की विरासत सौंपी। रैकी सेंटर के संचालक राजीव पाहवा ने कहा कि वे अतिथ सत्कार और आवभगत में निपुण थी। अरविंद भटनागर ने कहा कि राजी वक्त जितनी समर्पित सांसकृतिक विदुशी थी उतनी ही कर्तव्यपरायण पारिवारिक गृहिणी थी। शोक सभा में आए परिवार व मित्रजनों ने भी शोक सभा को संबोधित किया।
दस्तक न्यूज परिवार दिंवगत आत्मा को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए भगवान से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता है भगवान उनके परिवार को इस दुखद समय में धैर्य प्रदान करें। ऊँ शांति ।