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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उज्जैन जिले के बच्चों के लिए कारगर सिध्द हो रही बालश्रवण एवं बाल हृदय उपचार योजना


योजनाओं के प्रारंभ से अभी तक 196 बच्चें लाभान्वित
उज्जैन । सुनने में असमर्थ बच्चों के नि:शुल्क ईलाज के लिए मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना और हृदय रोग पीड़ित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना संचालित की जा रही है। योजना प्रारंभ होने से लेकर वर्ष 2017-18 तक उज्जैन जिले में मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना में 37 बच्चों का उपचार किया गया। इसी प्रकार मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में 159 बच्चों का योजना प्रारंभ से लेकर अब तक उपचार किया गया। बच्चों के लिए कारगर सिदध हो रही है दोनो योजनाएं।

मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना में 37 बच्चों का उपचार
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. व्ही.के गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए अवगत कराया कि उज्जैन जिले में मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना वर्ष 2015-16 में 05 बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी कर 32 लाख 50 हजार शासन द्वारा व्यय किये है। इसी तरह वर्ष 2016-17 में 03 बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी कर 19 लाख 50 हजार और वर्ष 2017-18 में 29 बच्चों की सर्जरी कर 1 करोड़ 88 लाख 50 हजार रूपये शासन द्वारा व्यय किये गये। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 05 वर्ष तक के सभी जन्मजात और विशेष परिस्थिति में 07 वर्ष तक के श्रवण बाधित बच्चों का नि:शुल्क ईलाज किया जाता है। चिन्हांकित बच्चों को कॉकलियर इम्प्लांट सरकारी खर्चे पर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में लगाया जाता है। शासन द्वारा प्रति हितग्राही 6 लाख 50 हजार रूपये का व्यय किया जाता है। व्यय में 5 लाख 20 हजार आरबीएसके मद से और शेष 1 लाख 30 हजार रूपये की राशि बाल श्रवण उपचार योजना राज्य मद से दी जाती है।
मख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में 159 बच्चों के हृदय की
नि:शुल्क शल्य चिकित्सा कराई

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में उज्जैन जिले में योजना प्रारंभ से लेकर अब तक 159 बच्चों के हृदय की नि:शुल्क शल्य चिकित्सा कराई गयी है। 0 से 18 वर्ष तक के हृदय रोग पीड़ित बच्चों के नि:शुल्क ईलाज हेतु यह योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2015-16 में 25 बच्चों के हृदय रोग पीड़ितो का नि:शुल्क ईलाज कराया गया। वर्ष 2016-17 में 87 बच्चों का नि:शुल्क ईलाज कर शासन द्वारा 1 करोड़ 22 हजार तथा वर्ष 2017-18 में 47 बच्चों का ईलाज कर 55 लाख 55 हजार रूपये शासन द्वारा व्यय कर बच्चों के हृदय की शल्य चिकित्सा करवाई गयी। योजना में हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का शासन द्वारा निर्धारित पैकेज के अनुसार उनके हृदय की 14 बीमारी के 42 प्रोसीजर कोड निर्धारित किये गये है। इनके अनुसार मान्यता प्राप्त चिक्तिसालयों में उपचार कराया जा रहा है। यदि किसी बच्चे को एक से अधिक हृदय रोग है तो प्रोसीजर कोड एवं निर्धारित मॉडल कास्टिंग की राशि संयुक्त रूप से उपचार के लिए संबंधित अस्पताल को दी जाती है।

 

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