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रूचिकर मध्यान्ह भोजन मिल रहा है ग्राम खांडाखेड़ी के बच्चों को


उज्जैन । तराना तहसील के सुदूर अंचल का ग्राम खांडाखेड़ी, मंगलवार का दिन दोपहर के एक बजे का समय। मध्यान्ह भोजन भोजन का वक्त हो चला था। जिला स्तर के अधिकारी कलेक्टर के निर्देश अनुसार मध्यान्ह भोजन योजना की पड़ताल के लिये बिना किसी पूर्व सूचना के प्राथमिक स्कूल में पहुंचते हैं। सिंगल टीचर स्कूल की शिक्षिका श्रीमती भावना श्रीवास्तव से पूछते हैं- बच्चे कहां हैं। वे बताती हैं, पड़ोस के कक्ष में भोजन कर रहे हैं।
    जैसे ही कक्ष में अधिकारी और उनके साथी घुसते हैं, गरमा-गर्म पूड़ी की महक से उनका स्वागत होता है। बच्चों को रूचिपूर्वक सब्जी-पूड़ी और खीर का भोजन निर्धारित समय पर साफ-सुथरे कक्ष में करते देखकर अधिकारी प्रसन्न हो जाते हैं। छोटे से गांव में शिवानी स्व-सहायता समूह चला रही सुगनबाई बताती हैं वे पूरी ईमानदारी व स्वच्छता के साथ भोजन बनाकर बच्चों को परोसती हैं। बच्चे भी अत्यधिक खुश नजर आये। पांचवी कक्षा की प्रगति बताती है उन्हें कभी रोटी, कभी पराठा, कभी पूड़ी और कभी पुलाव परोसा जाता है। खाना अच्छा मिलता है।
    इसी तरह दूसरी कक्षा के बालक सुमित, पांचवी की रचना, चौथी की प्रिया भी कहती हैं, उन्हें बहुत ही अच्छा खाना खिलाया जाता है। मध्यान्ह भोजन योजना में रूचि उत्पन्न होने का मतलब बच्चों की स्कूल में रूचि पैदा होना है। बच्चे बिना नागा स्कूल पहुंच रहे हैं। भोजन के साथ-साथ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
    उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में मध्याह्न भोजन योजना के तहत कुल 2133 शालाओं के एक लाख 30 हजार 308 बच्चों को मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा है। इसमें 1403 प्राथमिक शालाओं एवं 730 माध्यमिक शालाओं के क्रमश: 78 हजार 131 एवं 52 हजार 177 छात्र शामिल हैं। मध्याह्न भोजन योजना के तहत जिले में अब तक प्राथमिक शालाओं पर 97 लाख 19 हजार एवं माध्यमिक शालाओं पर 90 लाख 60 हजार इस तरह कुल एक करोड़ 87 लाख 79 हजार रूपये का व्यय किया जा चुका है।
    जिले में मध्याह्न भोजन योजना कार्यक्रम में पारदर्शिता लाने की दृष्टि से एवं समय पर राशि प्रदान करने के उद्देश्य से एनआईसी के सहयोग से नवीन सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसके माध्यम से अगस्त-2017 से मध्याह्न भोजन योजना के समस्त भुगतान राज्य स्तर से प्रारम्भ किये गये हैं। भोजन पकाने की राशि राज्य स्तर से सभी क्रियान्वयन एजेन्सी के बैंक खाते में प्रतिमाह सीधे हस्तांतरित की जायेगी। इसी तरह रसोईयों का पारिश्रमिक, मध्याह्न भोजन बनाने पर सामग्री पर होने वाले व्यय जिसमें कुकिंग कास्ट शामिल है तथा खाद्यान्न राज्य स्तर से ही ऑनलाइन जारी किये जाते हैं। मध्याह्न भोजन अन्तर्गत प्रयुक्त खाद्यान्न भी ऑनलाइन छात्र संख्या के मान से राज्य स्तर से ही आंकलन कर सीधे क्रियान्वयन एजेन्सी के नाम से स्थानीय उचित मूल्य दुकान को प्रदाय किया जाता है।
साप्ताहिक मेनू
    मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत विविधता लाने हेतु साप्ताहिक मेनू का विकल्प तैयार किया गया है। इसके तहत सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग प्रकार से भोजन बच्चों को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे कि स्कूली छात्रों को भोजन रूचिकर लगे। निर्धारित मेनू के अनुसार सोमवार को रोटी के साथ तुअर की दाल और काबुली चने व टमाटर की सब्जी, प्रत्येक मंगलवार को पुड़ी के साथ खीर अथवा हलवा और मूंग बड़ी व आलू-टमाटर की सब्जी, प्रत्येक बुधवार को रोटी के साथ चने की दाल एवं मिक्स सब्जी, प्रत्येक गुरूवार को वेजिटेबल पुलाव और पकोड़े वाली कड़ी, शुक्रवार को रोटी के साथ मूंग की दाल और हरे या सूखे मटर अथवा चने की सब्जी एवं प्रत्येक शनिवार को पराठे के साथ मिक्स दाल और हरी सब्जी देने के निर्देश दिये गये हैं।
1834 स्व-सहायता समूह, 3966 रसोईये
    मध्याह्न भोजन योजना से जिले के 1834 स्व-सहायता समूह को एवं 3966 रसोईयों को रोजगार मिल रहा है। उज्जैन जिले की उज्जैन जनपद में 219 स्व-सहायता समूह एवं 613 रसोईये, घट्टिया जनपद में 214 स्व-सहायता समूह एवं 423 रसोईये, तराना जनपद में 385 स्व-सहायता समूह एवं 722 रसोईये, महिदपुर जनपद में 332 स्व-सहायता समूह एवं 793 रसोईये, बड़नगर जनपद में 322 स्व-सहायता समूह एवं 621 रसोईये तथा खाचरौद जनपद में 362 स्व-सहायता समूह एवं 794 रसोईये प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं।

 

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