बाजार मांग अनुसार फसल लेते हैं हुकुमसिंह पटेल कृषि फार्म के मार्के से बिक रहा है “एप्पल बेर”
1.5 लाख रुपये बीघा की आमदनी हुई
उज्जैन। उज्जैन जिले के किसान खेती को लाभ का धंधा बना रहे हैं। वे नई तकनीक और नई वेरायटी लगाकर कम जमीन में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। इसी तरह के एक कृषक हैं, उज्जैन जिले के माकड़ोन टप्पे के ग्राम भगवतपुरा के कृषक, हुकुमसिंह पटेल। इन्होंने ढाई बीघा में 'एप्पल बेर' लगाया और फसल के इस सीजन में 1.5 लाख रु. बीघा मुनाफा कमा रहे हैं।
हमेशा नई तकनीक को आजमा कर आगे बढ़ने वाले कृषक हुकुमसिंह पटेल की 200 बीघा जमीन है। परम्परागत सोयाबीन और गेहूँ-चने की फसल के अलावा इन्होंने पिछली बार ढाई बीघा में एप्पल बेर की वैरायटी लगाई। थाईलैण्ड की इस वैरायटी में बेर को एप्पल का आकार व स्वाद मिलता है। इस बार बेर की फसल पर बहार आने पर उन्होंने अनूठे स्वाद वाले इस बेर की पैकेजिंग करने व ब्राण्ड नाम से बेचने का निर्णय लिया। बेर इन्दौर और भोपाल की मण्डियों में जाने लगे। अच्छे स्वाद के कारण ''पटेल कृषि फार्म'' के बेर धीरे-धीरे लोकप्रिय होने लगे। अब स्थिति यह है कि जैसे ही मण्डियों में बेर की गाड़ी पहुँचती है तो वह हाथों हाथ बिक जाती है।
कृषक हुकुमसिंह पटेल बताते हैं कि उनके बेर बाजार में 35 से 40 रु. किलो बिक रहे हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने बहुत ही कम रासायनिक खाद का प्रयोग किया है। बायो फर्टिलाइजर एवं कीटनाशकों का उपयोग करते हुए उन्होंने बहुत ही अच्छी वैरायटी के बेर का उत्पादन किया है। श्री पटेल ने कहा कि उन्होंने कृषि में नए प्रयोग जारी रखते हुए 07 बीघा में कागजी नीबू लगाए हैं और 05 बीघा में सीताफल लगाए हैं। श्री पटेल का मानना है कि किसान चाहे तो बिना किसी सबसिडी के अपनी आय बढ़ा सकता है। सवाल सिर्फ बाजार की मांग के अनुरुप विविध फसलें लगाने का है।