गुड़ी पड़वा पर होगा उज्जैन के मानपुरा में एलिम्को की इकाई का उद्घाट्न- केन्द्रीय मंत्री
उज्जैन के मानपुरा में दिव्यांगों के लिए जल्द ही सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग बनना शुरू हो जाएंगे। निर्माणाधीन एलिम्को की इकाई का कार्य प्रगति पर है। यदि ऐसे ही कार्य चलता रहा तो जल्द ही यह इकाई बनकर तैयार हो जाएगी। 18 मार्च 2018 गुड़ी पड्वा पर इस इकाई का शुभारंभ किया जाएगा। ह बात केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने मानपुरा में निर्माणाधीन एलिम्को सेंटर के अवलोकन के दौरान कहीं।
केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए विशेष रूचि ले रहे है। जिसको लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय तरह-तरह की महत्वपूर्ण योजनाएं बना रहा है। जिससे सभी वर्गो को लाभ मिल सकें।
देश भर के दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए उन्हें सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग प्रदान किए जा रहे है। कानपुर में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) द्वारा देशभर में यह उपकरण सप्लाई किए जाते है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में इसकी शाखा है। मंत्री गेहलोत ने बताया कि डेढ वर्ष पहले उज्जैन में भी एलिम्को की शाखा खोले जाने की घोषणा की गई थीं। ताकि मध्यप्रदेश और उसके आसपास के क्षैत्र के दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण और कृत्रिम अंग आसानी से उपलब्ध कराया जा सकें।
मध्यप्रदेश सरकार से केन्द्र सरकार की इस योजना के लिए भूमि मांगी गई थीं। मप्र सरकार ने उज्जैन के मानपुरा में पांच एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई। 4 जून 2016 को मानपुरा में एलिम्को की एक इकाई का भूमिपूजन किया गया था। करीब 12 करोड़ की लागत से इस इकाई का निर्माण कार्य शुरू हुआ। अब यह इकाई जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगी। इसलिए 18 मार्च 2018 गुड़ी पड़वा पर इसका उद्घाट्न किया जाएगा।
इसके पूर्व आज केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने निर्माणाधीन एलिम्को इकाई का अवलोकन किया। इस दौरान उत्पादन इकाई से जुड़े अधिकारी व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। केन्द्रीय मंत्री ने अवलोकन के बाद सभी अधिकारीयों की एक बैठक भी आयोजित की। जिसमें उन्होंने निर्माण कार्य, अधिकारी और कर्मचारी की भर्ती के बारे में भी जानकारी लगी। बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री गेहलोत ने बताया कि बताया कि का कार्य प्रगति पर चल रहा है। मुख्य बिल्डिंग का काम भी चल रहा है। जल्द ही बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी और फिर सहायक उपकरण एवं कृत्रिम अंग बनाने वाली मशीनें लगने का काम शुरू होगा। जिसके बाद मार्च 2018 तक इस इकाई की सभी प्रक्रिया पूरी कर उत्पादन का काम शुरू कर दिया जाएगा।