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बदनाम करने के लिए निगमायुक्त की फर्जी शिकायत की



कलेक्टर, एसपी, निगमायुक्त तथा नीलगंगा थाने में शिकायत
उज्जैन। शरारती तत्वों ने निगमायुक्त विजयकुमार जे पर लाखों की कमिशनखोरी
का झूठा आरोप लगाते हुए उनकी ईओडब्ल्यू भोपाल में शिकायत का झूठा
प्रेसनोट जारी कर दिया। वहीं इस शिकायत में समाजसेवी धनराज गेहलोत को
शिकायतकर्ता बताया। जब इसकी खबर गेहलोत को लगी तो उन्होंने फर्जी शिकायती
पत्र, नोटशीट तथा टेंडर की प्रति एवं क्षेत्रीय पार्षद का लिखा हुआ लेटर
हेड वाले पत्र की संपूर्ण प्रतियां कलेक्टर, एसपी, निगमायुक्त तथा
नीलगंगा पुलिस को सौंपी तथा फर्जी रूप से उन्हें तथा कमिश्नर को बदनाम
करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
धनराज गेहलोत के अनुसार 24 नवंबर 2017 को जो शिकायत की गई वह मेरे द्वारा
नहीं की गई और न ही शिकायत पर हस्ताक्षर किये। गेहलोत ने शिकायती आवेदन
में कहा कि 24 नवंबर को शिकायती आवेदन धनराज गेहलोत भाजपा मंडल अध्यक्ष
के नाम से आया दोनों पेजों पर फर्जी हस्ताक्षर किये गये हैं। मेरे नाम का
दुरूपयोग किया गया है। शिकायत में भाजपा मंडल अध्यक्ष बताया गया है जबकि
मेरे पास कोई पद नहीं है। धनराज गेहलोत ने आरोप लगाया कि संबंधित
शिकायतकर्ता शिवनारायण शर्मा निवासी शास्त्री नगर के द्वारा जो शिकायत की
गई है उसे शिल्पज्ञ विभाग के लिपिक मुकेश अजमेरी जानते हैं। मुकेश अजमेरी
द्वारा चलाई नोटशीट 27 अप्रैल 2017 में अंकित टीम में शिवनारायण शर्मा
निवासी शास्त्रीनगर के नाम का उल्लेख है। उक्त नोटशीट में मेरे नाम का
उल्लेख कहीं भी नहीं है तथा जो नोटशीट की प्रोसेडिंग की गई है उसमें नगर
निगम के स्टाफ द्वारा एक ही जगह पर बैठकर एक ही दिन में नोटशीट पर टीप
एवं हस्ताक्षर किये गये हैं। क्योंकि लिपिक की टीम 27 अप्रैल 2017 डाली
गई है। उसके बाद उपयंत्री और सहायक यंत्री द्वारा दिनांक नहीं डाली गई
है। उसके पश्चात अधीक्षण यंत्री द्वारा टीप डालकर हस्ताक्षरकर 26 अप्रैल
2017 डाली गई है। इसी प्रकार नोटशीट में नीचे आयुक्त नगर पालिक निगम
उज्जैन के दो बार हस्ताक्षर ओर दिनांक को काटकर लिखा है। इसके बाद नोटशीट
पृष्ठ पर पीछे की ओर दिनांक 3.6.17 को अंडा बनाकर दर्शाया गया है। धनराज
गेहलोत ने मांग की कि पूरे घटनाक्रम की जांच निगमायुक्त स्वयं अपने
मार्गदर्शन में करावे। धनराज गेहलोत के अनुसार गोरधनधाम पार्क के विकास
कार्य में मेरे नाम का दुरूपयोग कर शिकायत की गई एवं शिकायत को ईओ
डब्ल्यू भोपाल में भी भेजी गई। जो कि पूरी तरह असत्य एवं निराधार है तथा
फर्जी शिकायत है। क्योंकि गोरधनधाम नगर से संबंधित तथा लोहे व स्टील से
संबंधित शिकायत मेरे द्वारा कभी लिखित में मेरे हस्ताक्षर से नहीं की गई।
धनराज गेहलोत ने बताया कि मेरे द्वारा वार्ड 47 में कई आवेदन विभिन्न
निर्माण कार्यों के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन प्रस्तुत कर
सत्यप्रतिलिपि चाही गई उन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं भ्रष्ट
उपयंत्री तथा अन्य अधिकारी कर्मचारियों को बचाने के प्रयास किये जा रहे
हैं। मेरे नाम से फर्जी शिकायत करना भी भ्रष्ट अधिकारियों का एक कृत्य
है।

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