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दुराचारियों को मृत्युदण्ड देना समय की आवश्यकता है राज्य शासन की पहल सराहनीय


 

उज्जैन । स्त्रियों, बच्चियों के प्रति अपराध करने वाले दुराचारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिये, तभी इस तरह के अपराध रोके जा सकेंगे। राज्य शासन द्वारा 12 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं से दुराचार करने वाले दुष्ट व्यक्तियों को फांसी के फन्दे पर लटकाने का कानून बनाना एक सार्थक पहल सिद्ध होगा। यह बात उज्जैन शहर की कई युवतियों द्वारा चर्चा में कही गई। उन्होंने बताया कि इस कानून से महिलाओं में नीडरता आयेगी और वे अधिक सुरक्षित तरीके से अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर पायेंगी।

राज्य सरकार द्वारा बनाये जा रहे कानून के सम्बन्ध में चर्चा करने पर नागझिरी निवासी युवती रूबी ने कहा कि इस तरह के कड़े कानून की समाज को आवश्यकता है। कोई भी व्यक्ति किसी बच्ची से ज्यादती करने के पहले दस बार सोचेगा।

एमकॉम छात्रा हेमांगी ने बताया कि यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि सरकार कड़ा कानून बनाने जा रही है। वे कहती हैं इस कानून का व्यापक प्रचार होना चाहिये, जिससे दुष्ट प्रवृत्ति के लोग अनैतिक कार्य करने से डरें। महाश्वेता नगर की अवनि ने कहा कि ऐसा कानून बन जाने से निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उनका मानना है कि न केवल कानून बनाने से लोग डरेंगे, बल्कि महिलाएं अधिक सुरक्षित होंगी। आदर्श नगर की अलीशा खान ने कहा कि देश में दुराचारियों के विरूद्ध माहौल बन रहा है। इस कड़े कानून का सभी वर्गों को स्वागत करना चाहिये। आने वाले समय में इस कानून से महिलाओं पर होने वाले अत्याचार में कमी आयेगी। नानाखेड़ा निवासी रीता पाठक कहती है मध्य प्रदेश शासन ने दुराचार की समस्या पर एक नये तरीके से विचार किया है। दुष्कर्मियों को मृत्युदण्ड देने का निर्णय कर महिलाओं की सुरक्षा के सम्बन्ध में अद्वितीय काम किया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में छेड़छाड़ को भी शामिल करना चाहिये, जिससे महिलाएं सुरक्षित तरीके से अपने काम पर आ-जा सकें, शिक्षा प्राप्त कर सकें।

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