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महाकाल की प्रतिमा को क्षति पहुंचाने वालों पर हो कठोर कार्यवाही



उज्जैन। विगत दिनों महाकालेश्वर भगवान की प्रतिमा का क्षरण होने के विषय
को लेकर नगर में बवाल मचा। यदि भगवान की प्रतिमा का क्षरण वास्तव में हो
रहा है तो उसका संरक्षण करने का दायित्व मंदिर प्रबंध समिति एवं उससे
जुड़े सभी वर्ग का है।
इस आशय का एक पत्र महाकाल सेना प्रमुख महेश पुजारी ने प्रबंध समिति को
लिखा है। समिति के निर्देशों का पालन पुजारी, पुरोहित, संत, महंत तथा आम
दर्शनार्थी को करना चाहिये। कोई भी व्यक्ति भगवान की प्रतिमा को नुकसान
पहुंचाने की बात करता है और नियम का पालन करने में विरोध करता है तो
मंदिर समिति को सख्त कार्यवाही करना चाहिये। भस्मारती के समय भगवान की
प्रतिमा पर जो वस्त्र लपेटा जाता है वह न्यायोचित होकर क्षरण को रोकने
में मददगार सिध्द होगा। लेकिन उस वस्त्र को हटाने का दबाव संत-महंत
द्वारा बनाया जा रहा है। कमेटी द्वारा जिन-जिन वस्तुओं को लेकर प्रतिमा
को नुकसान होने की बात कही है उन सब पर सख्ती से पालन करना एवं कराना
चाहिये। पत्र में आगे लिखा है कि अखाड़ा एवं उनसे जुड़े संत महाकाल मंदिर
प्रबंध समिति के समानांतर चलाना चाहते हैं। इस पर प्रशासक को शीघ्र
संज्ञान लेना चाहिये। सेना प्रमुख ने कहा कि मंदिर समिति महंत के सामने
कमजोर न पड़े। भस्म चढ़ाने के समय परंपरा बताकर वस्त्र हटाया जाता है तो
दूध, दही चढ़ाने की परंपरा नारियल, श्रीफल व भस्मारती की न्यौछावर जिन पर
रोग लगाई गई है उस समय महंत को परंपरा याद क्यों नहीं आई। केवल महंत
मूर्ति को क्षति पहुंचाना चाहते हैं जो एक पाप है।

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