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विक्रमादित्य पर आधारित अमृत महोत्सव का आयोजन होगा विधायक एवं कलेक्टर ने बैठक ली


 

उज्जैन । विक्रमादित्य पर आधारित अमृत महोत्सव का आयोजन वर्ष 2018-19 में किया जायेगा।
संवत प्रवर्तक सम्राट विक्रमादित्य के द्वारा प्रचलित संवत 2075 को सन 2018 में 75 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस
अवसर पर सम्पूर्ण देश में सम्राट विक्रमादित्य की ख्याति पर विक्रम अमृत महोत्सव के रूप में सन 2018-19 में
मनाया जायेगा। इस सिलसिले में विधायक डॉ.मोहन यादव एवं कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे की अध्यक्षता में मेला
कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में अमृत महोत्सव की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में विधायक डॉ.मोहन यादव ने बताया कि विक्रम अमृत महोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जायेगा। सम्पूर्ण
उज्जैन शहर में गुड़ी पड़वा के पहले घर-घर में बायो-दीपक जलाये जायेंगे एवं रामघाट पर भी इसी तरह के दीपकों का
प्रज्वलन होगा। उन्होंने बताया कि विक्रमादित्य के नवरत्नों के नौ पुरस्कार एवं उनकी विधाओं पर आधारित विभिन्न
सांस्कृतिक आयोजन वर्षभर आयोजित होंगे। मुख्य कार्यक्रम सात से 10 दिन तक आयोजित किया जायेगा।
बैठक में कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने कहा कि अमृत महोत्सव के लिये नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर श्री
एके शर्मा को बनाया गया है। आयोजन के लिये उप समितियां बनाकर कार्यक्रम की रूपरेखा तय की जायेगी। कलेक्टर
ने उज्जैन शहर के विभिन्न नामों के आधार पर शहर की विभिन्न परिसम्पत्तियों के नामकरण करने की बात कही।
बैठक में मौजूद ज्योतिषाचार्य पं.श्यामनारायण व्यास ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान बने हुए पुलों का नामकरण भी
विक्रमादित्य से जुड़े हुए विषयों पर किया जाये।
बैठक में विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित ने बताया कि विक्रम अमृत महोत्सव के
कार्यक्रम ‘सम्राट विक्रमादित्य’ की ख्याति के आधार पर सम्पूर्ण भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव है। यह कार्यक्रम
नागपुर, पूना, हरियाणा, अहमदाबाद, बनारस, जबलपुर, जयपुर, भोपाल एवं दिल्ली में आयोजित होंगे। इस दौरान
व्याख्यान, परिचर्चा, प्रदर्शनियों का आयोजन, साहित्य में उल्लेखित विवरणों के आधार पर नाट्य मंचन, भाषण निबंध
एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। स्थानीय स्तर पर आयोजन समिति गठित की जाना है। महोत्सव के
अन्तर्गत सम्राट विक्रमादित्य स्मृति ग्रंथ का प्रकाशन कराने हेतु समिति गठित की गई है। इस समिति में प्रो.सुष्मिता
पाण्डे नईदिल्ली, प्रो.शिवानी सिंह, प्रो.सतीश मित्तल, प्रो.ईश्वरशरण विश्वकर्मा, डॉ.ओपी श्रीवास्तव, डॉ.मनोहरसिंह राणावत,

डॉ.पीडी जगताप, डॉ.कमलेशदत्त त्रिपाठी, डॉ.जगन्नाथ दुबे, डॉ.एमएल राजा, डॉ.गोवा देगुर्रूकर, डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित,
डॉ.प्रशान्त पौराणिक, डॉ.रमण सोलंकी, डॉ.आरसी ठाकुर एवं डॉ.प्रकाशेन्द्र माथुर होंगे। विक्रम महोत्सव में महामहिम
राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जायेगा।
बैठक में सर्वश्री व्हीके गुप्ता, दुर्गाशंकर सूर्यवंशी, व्हीके सुखनानी, सतवीरसिंह, सूरज अहिरवार, डॉ.प्रशान्त
पौराणिक, डॉ.रमण सोलंकी, डॉ.राकेश दण्ड, डॉ.दिनेश जोशी, दिनेश दिग्गज, तरूण उपाध्याय और संजय गोयल मौजूद
थे।

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