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घटते सोयाबीन के भावों में भावान्तर योजना किसानों का ‘सुरक्षा कवच’ बनी किसान कमल सिंह ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा “योजना निरन्तर लागू रहे”


 

      उज्जैन । इस बार खरीफ फसल में किसानों के घर में कम बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल कम आई, ऊपर से 2400-2500 का भाव देखकर किसानों के होश उड़ गये। किसानों को लगा कि औने-पौने दाम पर फसल बेचकर उन्हें घाटा होना है, किन्तु मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की भावान्तर योजना ने घटते भावों में किसानों को संजीवनी प्रदान की है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 22 नवम्बर को बड़ा किसान सम्मेलन आयोजित कर किसानों के खातों में भावान्तर योजना की राशि अन्तरित की। इन्हीं किसानों में से एक तराना तहसील के ग्राम टुकराल के श्री कमलसिंह के खाते में भावान्तर योजना की 67 हजार 854 रूपये की राशि जमा हुई है। श्री कमलसिंह उज्जैन जिले के वो प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने भावान्तर योजना में उज्जैन जिले में सर्वाधिक राशि प्राप्त की।

      37 वर्षीय युवा किसान कमलसिंह चर्चा में बताते हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा निकाली गई इस योजना के कारण उन्हें बड़ा लाभ मिला है और औसतन उनकी सोयाबीन का मूल्य उन्हें 3016 रूपये क्विंटल मिल गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को इस किसान हितैषी योजना के लिये बधाई देते हुए कमलसिंह कहते हैं कि यह योजना आगे भी चालू रहेगी तो किसानों को बड़ा लाभ होगा। कमलसिंह ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने 2700 से 2800 रूपये क्विंटल के भाव में सोयाबीन बेचकर संतोष कर लिया था, किन्तु इस बार उनके खाते में सरकार के खजाने से 68 हजार रूपये जमा हुए तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। वे बताते हैं उन्होंने 155 क्विंटल सोयाबीन मंडी में जाकर बेचा और सोयाबीन बेचने के लिये वे पंजीयन के बाद 16 अक्टूबर तक इंतजार करते रहे। जैसे ही मुख्यमंत्री भावान्तर योजना शुरू हुई, उन्होंने उज्जैन मंडी में जाकर अपना सोयाबीन बेचा। कमलसिंह ने कहा कि भावान्तर योजना नहीं होती तो उन्हें इन्हीं भावों पर मन मसोसकर समझौता करना पड़ता, किन्तु किसान के लिये एक तरह से सुरक्षा कवच सिद्ध हुई इस योजना से वे ही नहीं, उनके इलाके के सैकड़ों किसान लाभान्वित हुए हैं और वे मुख्यमंत्री का दिल से धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं।

437 रू. प्रति क्विंटल का फायदा

      कमलसिंह बताते हैं कि उन्होंने भावान्तर योजना में चार बार अपनी सोयाबीन बेची तथा भावान्तर की राशि के रूप में उन्हें औसत 3016 रूपये प्रति क्विंटल का भाव प्राप्त हो गया। उन्हें प्रति क्विंटल 473 रूपये सोयाबीन का भावान्तर प्राप्त हुआ, जो कि एक वरदान के रूप में उन्हें मध्य प्रदेश शासन से प्राप्त किया है। इसके लिये वे सरकार के अत्यधिक आभारी हैं। उन्होंने अपनी सोयाबीन 37.80 क्विंटल 2531 रूपये प्रति क्विंटल, 41.75 क्विंटल सोयाबीन 2561 रूपये प्रति क्विंटल, 41.41 क्विंटल सोयाबीन 2660 रूपये प्रति क्विंटल तथा 34.56 क्विंटल सोयाबीन 2431 रूपये प्रति क्विंटल में बेची। इस प्रकार उन्होंने कुल 155.52 क्विंटल सोयाबीन 4 लाख 539 रूपये में बेची।

गत वर्षों कई बार भारी घाटा आया

ग्राम टुकराल जिला उज्जैन के किसान कमलसिंह ने चर्चा में यह भी बताया कि विगत पांच सालों से सोयाबीन के भाव में काफी उतार-चढ़ाव आता रहा है। वर्ष 2016 में जहां 2700-2800 का भाव था, वहीं इसके पहले सोयाबीन 5000 रूपये क्विंटल तक बिकी है। वे याद करते हैं कि पांच साल पहले तो 1700-1800 के भाव में ही सोयाबीन बेचना पड़ी थी। अब भावान्तर योजना के आने से किसानों को अपनी फसल के भावों में उतार-चढ़ाव की फिक्र नहीं होगी और वे आसानी से कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे।

‘अब चिन्ता नहीं, भावान्तर योजना जो है मेरे पास’

कमलसिंह बताते हैं कि अभी उनके पास 100 क्विंटल सोयाबीन और बची है। अब उन्हें चिन्ता नहीं है, भावान्तर योजना जो है उनके पास। वे अपनी शेष 100 क्विंटल सोयाबीन भी शीघ्र ही योजना के अन्तर्गत पंजीकृत मंडी में विक्रय कर भावान्तर योजना का लाभ लेंगे।

भावान्तर योजना नहीं होती तो किसानों को भारी घाटा होता

किसान कमलसिंह के साथी एवं ग्राम कोयलखेड़ी उज्जैन के निवासी श्री राजेन्द्रसिंह ने इस बार 15 बीघा में सोयाबीन लगाई थी और उन्होंने 40 क्विंटल सोयाबीन विगत 3 नवम्बर को उज्जैन मंडी में जाकर बेचा है। भावान्तर योजना में पंजीयन कराने के बाद अब राजेन्द्रसिंह को इस बात की फिक्र नहीं है कि उनका सोयाबीन कम भाव में गया। वे कहते हैं कि भावान्तर योजना नहीं होती तो किसानों को बहुत ज्यादा घाटा होता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसान को इस बार घाटे में उतरने से बचा लिया है। राजेन्द्रसिंह का कहना है कि उनके गांव में कम से कम सौ किसानों को भावान्तर योजना के तहत राशि खाते में जमा हो चुकी है। इस तरह किसानों के लिये यह योजना एक वरदान से कम सिद्ध नहीं हो रही है।

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