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नीचले स्तर पर आने वाली व्यावहारिक परेशानियों को समझें न्यायिक सिद्धान्त को ध्यान में रखकर कार्य करें


 

कलेक्टर ने भावान्तर भुगतान योजना की समीक्षा की

      उज्जैन । कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने शनिवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय में भावान्तर भुगतान योजना (16 से 21 नवम्बर) की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि भावान्तर योजना के अन्तर्गत नीचले स्तर पर आने वाली व्यावहारिक परेशानियों को समझकर उनका निराकरण शीघ्र करें और न्यायिक सिद्धान्त को ध्यान में रखकर कार्य करें। भावान्तर भुगतान जिन किसानों को किया गया है, उनका रिकार्ड तीन प्रतियों में संधारित किया जाये। कलेक्टर ने विभिन्न तहसीलों में हुए भावान्तर भुगतान की समीक्षा की। बताया गया कि कुल 1607 प्रकरणों में से 1500 प्रकरणों का भुगतान शीघ्र जारी किया जाना है।

      कलेक्टर ने निर्देश दिये कि आगामी एक से 15 दिसम्बर तक ऐसे किसान, जिन्होंने पूर्व में सरकार को प्याज बेचा था, उनके आधार कार्ड, भुगतान पत्रक, अनुबंध-पत्रक व तौल-पत्रक प्राप्त किये जायें। इस हेतु विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम बनाकर कार्य किया जाये। कॉपरेटिव बैंक के प्रबंधकों की निगरानी में समिति गठित की जाये। सहकारी निरीक्षक को भी इस कार्य में लगाया जाये। दस्तावेज प्राप्त करने के बाद रिकार्ड का संधारण कार्य किया जायेगा।

      कलेक्टर ने बैठक में भावान्तर योजना के तहत ऐसे ऑपरेटर, जिन्होंने किसानों का पंजीयन नहीं किया था, उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिये। सभी मंडी सचिवों को 170 डुप्लीकेट तौलकांटे की जांच करने के निर्देश दिये गये। कलेक्टर ने अधिकारियों से पूछा कि वर्तमान में सोयाबीन का मॉडल भाव क्या चल रहा है, ये बतायें और अपनी जानकारी अप-टू-डेट रखें। आरआरबी, एसबीआई और बैंक ऑफ इण्डिया को किसानों के खाते बेतरतीब तरीके से निरीक्षण करने को कहा गया। इसके पश्चात ऐसे खातों का विलेषण करने के निर्देश भी दिये गये।

      कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि सोमवार तक तहसीलवार और बैंकवार असफल लेन-देन की जानकारी उन्हें प्रदाय की जाये। पूरे जिले में ऐसे प्रकरण कहां-कहां हुए हैं, इसकी पूरी जानकारी दी जाये। ऐसे प्रकरण, जिनमें किसी अन्य के खाते में भुगतान की राशि चली गई है, उनकी भी जानकारी कलेक्टर ने अधिकारियों से मांगी। उन्होंने निर्देश दिये कि जहां से भी इस तरह की शिकायत आती है, वहां तत्काल पेमेन्ट को ब्लॉक कर दिया जाये। सभी मंडी सचिव किसानों का तिथिवार डाटा संग्रहित करें।

      कलेक्टर ने किसानों की सुविधा के लिये सभी 13 पाइन्ट्स पर शिकायत केन्द्र बनवाये जाने के निर्देश दिये। इसके साथ ही वहां एक रजिस्टर भी रखने को कहा, जिससे किसान अपनी शिकायत उसमें दर्ज करा सकें। जो अधिकारी बैठक में मौजूद नहीं थे, कलेक्टर ने उन पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। मत्स्य विभाग के अधिकारी श्री पथरोलिया के बैठक में मौजूद न रहने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये कि मंडियों में रिकार्ड का उचित संधारण किया जाये। इसको कतई हल्के में न लें, अन्यथा सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। तीन जीआरएस को मंडियों में नियमित रूप से नहीं जाने पर टर्मिनेट करने के निर्देश दिये गये।

      कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि आगामी 29 नवम्बर को महिदपुर में मुख्यमंत्री का दौरा प्रस्तावित है, अत: सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जायें। जिले में डायवर्शन के लम्बित प्रकरणों का भी शीघ्र निराकरण किया जाये। सभी एसडीएम आगामी 30 नवम्बर तक 90 प्रतिशत प्रधानमंत्री आवास के टारगेट पूर्ण करें। जो इस योजना में डिफाल्टर हैं, उनके विरूद्ध तुरन्त एफआईआर दर्ज कराई जाये।

      राजस्व सम्बन्धी मामलों की समीक्षा के बाद कलेक्टर ने निर्वाचन प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक जनवरी 2018 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नये मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का कार्य जिलों में तीव्र गति से किया जाये। सभी बीएलओ गंभीरता से इस कार्य को करें। नये मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज कराने हेतु फार्म नम्बर-6 प्राप्त किये जायें। सभी एसडीएम को कलेक्टर ने निर्देश दिये कि आगामी 28 नवम्बर तक प्रत्येक तहसील से कम से कम चार-चार हजार फार्म प्राप्त करें। महाविद्यालयों व विद्यालयों के प्राचार्यों को भी ऐसे विद्यार्थी, जो 18 वर्ष के होने वाले हैं, उनके नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिये सहयोग करने के लिये कहें। बैठक में सभी एसडीएम और सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

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