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मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह एवं निकाह योजना के तहत दिशा-निर्देश जारी



    उज्जैन । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर ने जिले के सभी नगरीय निकायों, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र लिखकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। देव उठनी ग्यारस के बाद विवाह के मुहूर्त प्रारम्भ हो गये हैं। इन्हीं मुहूर्तों में से किसी एक दिन सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा सकता है।
    मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के अन्तर्गत सामूहिक विवाह आयोजित कर गरीब, जरूरतमन्द, निर्धन परिवारों की विवाह एवं निकाह योग्य कन्याओं, विधवा, परित्यक्ताओं के सामूहिक विवाह हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
केन्द्रीय आहरण व्यवस्था लागू
    सामाजिक एवं नि:शक्त कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता योजना को एक सितम्बर 2017 से केन्द्रीयकृत आहरण व्यवस्था के अन्तर्गत् शामिल किया गया है। पंजीकृत हितग्राही के आवेदन-पत्र निर्धारित प्रपत्र में भरवाये जायेंगे एवं उनका नियमानुसार परीक्षण कर विवाह पोर्टल पर उनको अनिवार्य रूप से दर्ज किया जायेगा।
    जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्री कन्या एवं निकाह योजना का फार्म हितग्राही से प्राप्त करने के पूर्व आवेदन-पत्रों का परीक्षण करने हेतु दल गठित किया जाये। आवेदन-पत्र की ऑनलाइन पोर्टल पर राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पूर्ण पूर्ति कराई जाये। हितग्राही कन्याओं की पासबुक की छायाप्रति लेते समय इस बात का ध्यान रखा जाये कि हितग्राही का खाता चालू स्थिति में हो। इसके लिये नवीन प्रविष्टि कराई जाये। हितग्राही का खाता बन्द होने की स्थिति में उसे पुन: जीवित करवाया जाये। सूची के साथ प्रत्येक हितग्राही की पासबुक की पठनीय छायाप्रति भी जिला पंचायत को प्रेषित की जाये। बैंकों के संविलयन होने की स्थिति में हितग्राही की नवीन बैंक का नाम, खाता नम्बर, आईएफएससी कोड दर्ज कर पासबुक की पठनीय प्रति भेजी जाये। समग्र विवाह पोर्टल पर हितग्राहियों की पूर्ण जानकारी अंकित की जाये। हितग्राही की सम्पूर्ण जानकारी विवाह आयोजन के 15 दिवस पूर्व जिला पंचायत को भेजी जाना अनिवार्य है।
पंजीयन के समय शौचालय निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी
    मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अन्तर्गत विवाह हेतु पात्र हितग्राही वर/वधू के यहां शौचालय न होने की जानकारी प्राप्त होने पर पंजीकरण अधिकारी (सम्बन्धित स्थानीय निकाय) प्राथमिकता से उनकी पात्रता का परीक्षण करते हुए वर्तमान स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण की स्वीकृति देगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि ऐसे शौचालय विवाह अथवा निकाह होने के तीन माह के भीतर निर्मित हो जायें एवं उसकी पुष्टि भी करवाई जाये। राज्य शासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री विवाह अथवा निकाह के पंजीयन अवसर पर किसी हितग्राही के घर शौचालय बना नहीं होने की स्थिति में भी उक्त हितग्राही का योजना के तहत पंजीयन रोका नहीं जायेगा।

 

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