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महाविद्यालयीन छात्रावास निर्माण के लिये 203 करोड़ रूपये मंजूर



उज्जैन । शासन द्वारा जनजातीय कार्य विभाग की महाविद्यालयीन छात्रावास योजना को आगामी 3 वर्ष तक निरंतर संचालन का अनुमोदन प्रदान किया गया है। योजना के अंतर्गत महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में संचालित 84 बालक और 68 कन्या कुल 152 पोस्ट-मै‍ट्रिक छात्रावासों को महाविद्यालयीन छात्रावास में परिवर्तित किया जा रहा है। इनमें 7600 विद्यार्थी निवासरत हैं। साथ ही, पूर्व वर्ष के 32 भवन-विहीन छात्रावास और 30 नवीन छात्रावास इस प्रकार कुल 62 भवन निर्माण आगामी 3 वर्षो में कराये जायेंगे। मंत्रि-परिषद ने योजना को आगामी 3 वर्ष तक निरंतर संचालन के लिए 203 करोड़ 32 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।
जनजातीय कार्य विभाग की कक्षा 9 व 10 की छात्रवृत्ति योजना को भी निरंतर संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन और 290 करोड़ 82 लाख 20 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। आगामी 3 वर्षो में कक्षा 9-10 के 13 लाख 56 हजार विद्यार्थियों को लाभांवित करने का लक्ष्य है।
शासन द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास गृहों के निर्माण को निरंतर रखने की सहमति दी है। आवास गृहों के निर्माण पर वर्ष 2017-18 में 38 करोड़ रुपये, वर्ष 2018-19 में 37 करोड़ 40 लाख रुपये तथा वर्ष 2019-20 में 24 करोड़ 80 लाख रूपये व्यय किये जाएंगे।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त2जन कल्याण विभाग द्वारा नि:शक्तयजन को बाधारहित वातावरण देने के लिए टायलेट, रैम्प, लिफ्ट, भवनों के निर्माण के लिए जारी योजना, अंध मूक बधिर की वृत्तियां तथा बहुविकलांग/मानसिक रूप से अविकसित नि:शक्त,जन को सहायता अनुदान योजना को निरंतर रखने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है।
वर्ष 2017-18 में प्रदेश के किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि फसल ॠण दिये जाने की गत वर्ष 2016-17 में लागू योजना को निरंतर रखने का निर्णय भी लिया गया है।
शासन ने स्वतंत्रता संग्राम सैनिक चिकित्सा सहायता अनुदान नियम-1986 में संशोधन कर 50 हजार रुपये तक चिकित्सा अनुदान राशि स्वीकृति के अधिकार संबंधित जिला कलेक्टर को देने का निर्णय लिया है। साथ ही 50 हजार रुपये से अधिक और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न गंभीर रोगों के उपचार के लिए निर्धारित शासकीय दरों की सीमा तक राशि स्वीकृति के सभी अधिकार जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर संभागीय आयुक्त को देने की मंजूरी भी दी गई है।

 

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