शासकीय पशु चिकित्सालय से मिला एक्सपायरी दवाईयों का जखीरा
कुत्ते का बच्चा मरा तो मामला आया सामने-जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने
कलेक्टर को शिकायत कर जब्त की एक्सपायरी दवाईयां
उज्जैन। शासकीय पशु चिकित्सालय माधवनगर में बुधवार को एक्सपायरी डेट की
दवाईयों का जखीरा मिला। पशु चिकित्सक इन्हीं दवाओं को यहां आने वाले
पशुओं को दे रहे थे। मामला तब पकड़ में आया जब यहां की दवाई खाकर मुनिनगर
क्षेत्र में एक कुत्ते का बच्चा मर गया जिसकी शिकायत जिला पंचायत के
उपाध्यक्ष भरत पोरवाल को की गई। पोरवाल चिकित्सालय में पहुंचे तो एक-दो
नहीं बल्कि अलमारी, फ्रीज, टेबल सब जगह एक्सपायरी डेट की दवाएं मिली। भरत
पोरवाल ने कलेक्टर से बात कर दवाईयां जब्त कर लीं
अंकित रायकवार निवासी मुनिनगर के यहां कुत्ते के बच्चों को खुजली हो रही
थी। जिसकी दवाई लेने वह उदयन मार्ग स्थित शासकीय पशु चिकित्सालय माधवनगर
गया था। यहां सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी व्ही एस चौहान ने
कुत्ते के बच्चे को देखकर दवाई दे दी। घर ले जाकर कुत्ते के बच्चे को
दवाई खिलाई तो वह मर गया। जब अंकित ने दवाईयों पर अंकित डेट देखी तो 3
तरह की दवाइयां में एक अप्रैल 2016, नवंबर 2015 , अक्टूबर 2017 में
एक्सपायर हुई दवाइयां पाई गई। इसकी शिकायत अंकित ने जिला पंचायत
उपाध्यक्ष भरत पोरवाल को की। भरत पोरवाल तथा कांग्रेस नेता दीपक मेहरे
मौके पर पहुंचे तो चिकित्सालय में हर जगह एक्सपायरी डेट की दवाईयां थी।
जब दवाईयां निकालने लगे तो कर्मचारियों ने कुछ दवाईयां आसपास के
क्षेत्रों में फैंक दी। वहीं अस्पताल के पीछे निर्माणाधीन भवन में
दवाईयों के डब्बे छिपा दिये जिन्हें वहीं पशुओं का इलाज कराने आए लोगों
ने देखा और जब्त करवाए। पोरवाल ने मौके से ही पशु चिकित्सालय के प्रभारी
डॉ. एन.के. त्रिवेदी को फोन लगाया उन्होंने वहां आने में असमर्थता जताई
तो कलेक्टर संकेत भोंडवे से शिकायत की। कलेक्टर ने सीएम के कार्यक्रम में
होने की बात कही और कहा कि आप सभी दवाईयां जब्त कर लें और लिखित में मुझे
शिकायत करें मैं दोषियों पर कार्रवाई करूंगा। कलेक्टर के कहने पर भरत
पोरवाल ने सभी एक्सपायरी दवाईयां जब्त कर ली।
यहां पदस्थ डॉ. मुकेश जैन ने कहा कि एक्सपायर दवाईयां नष्ट करना थी। यह
पेशेंट को नहीं देते हैं। वहीं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी व्ही
एस चौहान ने कहा कि दवाईयां डिप्टी डायरेक्टर के ऑफिस देवासगेट से सप्लाय
होती हैं, एक्सपायरी दवाईयां छटनी करके रखी हुई थी उसी में से उठा कर दी,
मैं देख नहीं पाया।
हो सकता है करोड़ों का दवाई घोटाला
वहीं जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने लोकायुक्त को मामले की शिकायत की है।
शिकायत में कहा गया कि जिला पशु कल्याण समिति के डॉ. एन.के. त्रिवेदी,
डॉ. मुकेश जैन तथा व्ही एस चौहान द्वारा 14, 15, 16, 17 की एक्सपायरी
दवाईयां हितग्राहियों को दी जा रही थीं। जिससे कई पशु असमय ही काल का
शिकार हो गए होंगे। इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तत्काल उच्च स्तरीय
जांच की जाए जिससे करोड़ों रूपयों के दवाई घोटाले का खुलासा हो सके।