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राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उज्जैन संभाग प्रदेश में प्रथम संभागायुक्त श्री ओझा ने ली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस


 

उज्जैन । 30 सितम्बर 2017 को समाप्त हुए राजस्व वर्ष 2016-17 के लम्बित प्रकरणों तथा चालू
राजस्व वर्ष, जो 01 अक्टूबर 2017 से प्रारम्भ हुआ है, में दर्ज प्रकरणों के निराकरण में उज्जैन संभाग प्रदेश में प्रथम
रहा है। इस दौरान संभाग में कुल 35779 राजस्व प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से 12727 अर्थात 35.57 प्रतिशत
प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया। प्रदेश में राजस्व प्रकरणों के निराकरण का कुल प्रतिशत 26.79 है। साथ ही
उज्जैन संभाग प्रदेश का एकमात्र ऐसा संभाग है, जहां 05 वर्ष से अधिक अवधि का कोई भी राजस्व प्रकरण लम्बित
नहीं है।
संभागायुक्त श्री एमबी ओझा ने आज बुधवार को मेला कार्यालय में सम्पन्न कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में अपर
आयुक्त राजस्व डॉ.अशोक कुमार भार्गव सहित संभाग के सभी कलेक्टर्स को इसके लिए साधुवाद दिया। जिलेवार राजस्व
प्रकरणों के निराकरण में संभाग में उज्जैन जिला अव्वल रहा है, जहां पंजीकृत 6720 प्रकरणों में से 3006 अर्थात
44.73 प्रतिशत निराकरण किया गया है। प्रदेश में उज्जैन जिले की स्थिति चौथी है। संभागायुक्त ने इसके लिए
कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे को बधाई दी। साथ ही श्री ओझा ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले संभाग के सभी
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदारों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों को उज्जैन में कार्यक्रम आयोजित कर वे
स्वयं सम्मानित करेंगे।
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में अपर आयुक्त राजस्व डॉ.अशोक कुमार भार्गव, संभाग के उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-
मालवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों के कलेक्टर्स, एडीएम तथा अन्य सम्बन्धित राजस्व अधिकारी उपस्थित थे।

टॉप टैन राजस्व न्यायालय

संभागायुक्त द्वारा बैठक में संभाग के सभी जिलों के राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा
की गई। समीक्षा के दौरान सर्वाधिक निराकरण वाले टॉप टैन न्यायालयों के राजस्व अधिकारियों को शाबाशी दी गई। ये
हैं न्यायालय तहसीलदार कालापीपल (शाजापुर), तहसीलदार शामगढ़ (मंदसौर), तहसीलदार सुवासरा (मंदसौर),
तहसीलदार गुलाना (शाजापुर), अनुविभागीय अधिकारी गरोठ (मंदसौर), अनुविभागीय अधिकारी महिदपुर (उज्जैन),
तहसीलदार टप्पा कुकड़ेश्वर (नीमच), तहसीलदार तहसील नीमच, तहसीलदार बड़नगर (उज्जैन) तथा तहसीलदार खाचरौद
(उज्जैन)।

300 दिन से अधिक के प्रकरणों का तुरन्त निराकरण करें

सीएम हैल्पलाइन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि 300 दिन से अधिक के
प्रकरणों का तुरन्त निराकरण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकरण को पूर्ण निराकरण किए जाने
के पूर्व फोरक्लोज (पहले बन्द) नहीं किया जाए। साथ ही प्रकरणों का सकारात्मक निराकरण हो।

खाता नम्बरों का विशेष ध्यान रखें

संभागायुक्त ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे भावान्तर भुगतान तथा अन्य सभी योजनाओं के
लाभ की राशि खातेदारों के खाते में डालने से पूर्व उनके खाता नम्बरों का सही तरीके से सत्यापन करा लें। किसी भी
स्थिति में खाता नम्बर गलत नहीं होना चाहिए। खाता नम्बर गलत होने से हितग्राही को अत्यधिक परेशानी का सामना
करना पड़ता है। लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आवेदन मार्क करके न छोडें

संभागायुक्त ने कहा कि सामान्य रूप से जनसुनवाई आदि में यह देखा जाता है कि अधिकारी प्राप्त आवेदनों
को मार्क करके सम्बन्धित अधिकारी को भिजवा देते हैं, परन्तु यह प्रवृत्ति ठीक नहीं है। आवेदनों का समाधानपूर्वक
निराकरण किया जाना चाहिए। जो प्रकरण गंभीर प्रकृति के तथा तुरन्त सहायता उपलब्ध कराने वाले हों, उनमें कलेक्टर्स
को स्वयं रूचि लेकर कार्रवाई करनी चाहिए तथा उनका फॉलोअप भी करना चाहिए।
हर विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें

संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर्स सप्ताह में एक बार होने वाली टीएल बैठक के साथ ही
अधिकारियों की समन्वय बैठक भी लें, जिसमें हर विभाग के अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। राजस्व
अधिकारी शासन के कार्यों में मुस्तैदी तथा जनसमस्याओं के निवारण में संवेदनशीलता बरतें।
29 को जावरा एवं महिदपुर में मुख्यमंत्री

बैठक में बताया गया कि आगामी 29 नवम्बर को रतलाम जिले के जावरा तथा उज्जैन जिले के महिदपुर में
प्रदेश के मुख्यमंत्री का संभावित भ्रमण कार्यक्रम है। जावरा में विकास यात्रा कार्यक्रम तथा महिदपुर में ऊर्जा विभाग का
कार्यक्रम है। संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में सम्बन्धित कलेक्टर्स पूरी तैयारियां कर लें। वे अपने जिलों
में 50 लाख के ऊपर के निर्माण कार्यों की स्थिति की समीक्षा कर लें। प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार मुख्यमंत्री श्री चौहान
पहले जावरा तथा फिर महिदपुर आएंगे।

व्यापारी सांठगांठ कर भाव कम न करा पाएं
भावान्तर योजना के विषय में संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर्स, खासतौर से राजस्थान की
सीमाओं से लगे जिलों के कलेक्टर्स, यह सुनिश्चित कर लें कि उनके क्षेत्रों में व्यापारी सांठगांठ कर किसानों की फसल
कम भाव में न खरीद पाएं। शासन के नए निर्देश अनुसार 25 नवम्बर तक पात्र पंजीयन से छूटे हुए किसानों का
भावान्तर योजना के अन्तर्गत पंजीयन सुनिश्चित किया जाए। बताया गया कि उज्जैन संभाग में 70 हजार पंजीकृत
तथा 84 हजार अपंजीकृत किसानों ने 15 से 31 अक्टूबर के बीच अपनी फसलों को मंडियों में बेचा है।

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